पटना (Patna)। बिहार में नई सरकार (New Govt) के गठन के बाद कैबिनेट विस्तार और सीट शेयरिंग में हो रही देरी के कारण अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar )विधानसभा भंग कर सकते हैं और लोकसभा चुनाव के साथ ही प्रदेश का चुनाव भी करवा सकते हैं। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नीतीश कुमार खुद दोनों चुनाव एकसाथ कराने पर जोर दे रहे हैं। 7 मार्च से शुरू हो रही अपनी विदेश यात्रा से पहले दिल्ली में इस विषय पर वह बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ मंथन करने वाले हैं।
हालांकि, जेडीयू के वरिष्ठ नेता, नीतीश कुमार के करीबी और राज्यसभा सांसद संजय झा लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं। हाल ही में वह जब दरभंगा पहुंचे थे तो उन्होंने जोर देकर कहा कि विधानसभा चुनाव अपने तय समय के मुताबिक, यानी कि 2025 में होंगे।
सूत्रों ने कहा कि बिहार विधान परिषद के चुनाव के कारण भी सीट शेयरिंग पर बातचीत में और देरी हो गई है। यदि किसी भी पक्ष द्वारा मतदान के लिए दबाव डाला गया तो मतदान 21 मार्च को होगा। जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमारे लिए लोकसभा सीट का बंटवारा महत्वपूर्ण नहीं है। पार्टी का एक बड़ा वर्ग मानता है कि विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए ताकि हम विधानसभा में अपनी ताकत को ठीक कर सकें। पिछली बार एलजेपी के हमारे खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण संख्या बल में हम पिछड़ गए थे।”
विपक्षी खेमे की बात करें तो राजद और कांग्रेस दोनों ही यात्रा में व्यस्त है। वरिष्ठ सहयोगी होने के नाते 40 सीटों में से राजद अपने पास 30 सीटें रखना चाहता है। राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कोई देरी नहीं है। हम सभी जन विश्वास यात्रा में व्यस्त हैं। इसके कारण बातचीत में देरी हुई है। यह अगले सप्ताह तक समाप्त हो जाएगी।”
सूत्रों के मुताबिक विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने भी विपक्षी गठबंधन से संपर्क किया है। राजद नेता ने कहा, “हम और किसी सहयोगी की तलाश नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर कोई आता है तो हमारे दरवाजे खुले हैं।”
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