पटना । प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को न बिहार से कोई मतलब है (Neither cares about Bihar) और न ही बिहार की जनता से (Nor the People of Bihar) । उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, नीतीश कुमार 2015 के बाद कई बार पलटी मारकर अपना हित अहित कर चुके हैं। आज की तारीख में समाज का हर वर्ग इस बात को जान चुका है कि नीतीश कुमार को न ही बिहार से कोई मतलब है और न ही उन्हें बिहार की जनता से । उन्हें सिर्फ फेविकोल लगाकर कुर्सी से चिपके रहना है ।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “नीतीश कुमार कभी भाजपा का कमल पकड़कर, तो कभी राजद के लालटेन पर मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं, बाकी उन्हें बिहार से कोई मतलब नहीं है और बिहार की जनता के साथ कुछ भी हो, उससे उन्हें कोई भी मतलब नहीं है। उनका बिहार की जनता से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार का पूरे बिहार में विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने पूरी मोरलिटी को ताक पर रख दिया है। उन्हें इस बात का अहंकार है कि 42 विधायक होने के बाद भी ये ही मुख्यमंत्री रखेंगे।उन्होंने आगे कहा, “अगर आप देखिएगा, तो जेडीयू के 117 विधायक हुआ करते थे। वहां से घटकर 72 हुए, इसके बाद 72 से घरकर 42 हुए। अगली बार जनता इतना कम विधायक देगी कि कोई गणित और जुगाड़ इनको मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा, आप लिखकर रख लीजिए।”
बीते दिनों नीतीश कुमार ने राजद को गच्चा देकर बीजेपी के साथ सरकार बना ली, जिस पर तेजस्वी यादव ने भी तंज कसा था और कहा था कि कौन गारंटी देगा कि वो फिर से नहीं पलटेंगे।हालांकि, इससे पहले जब नीतीश ने बीजेपी के साथ छोड़कर राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब अमित शाह ने अपना रोष जाहिर करते हुए बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि अब नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं, लेकिन ज्यादा दिन नहीं बीते कि नीतीश का मन परिवर्तन हुआ, बीजेपी ने उनके लिए दरवाजे खोलने में कोई संकोच नहीं किया।
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