पटना (Patna)। बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल (BJP’s election symbol lotus) थामने पर सियासत गर्मा गई है। लालू प्रसाद (Lalu Prasad) एवं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पार्टी आरजेडी (RJD) ने इस मुद्दे पर नीतीश पर तंज कसा है। आरजेडी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि प्लानिंग तो शादी में दूल्हा बनकर जाने की थी, लेकिन बैंड बाजा बजाने वालों ने मूर्ख बनाकर बारात की लाइट थमा दी। आरजेडी ने इस पोस्ट के साथ नीतीश का एक फोटो भी शेयर किया है, जिसमें वे पीएम के रोड शो के दौरान हाथ में कमल का सिंबल पकड़े हुए नजर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाथ में कमल पकड़े हुए तस्वीर एवं वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इसे लेकर तरह-तरह के कमेंट हो रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। पटना में पीएम मोदी के रोड शो में सीएम नीतीश पूरे रास्ते साथ रहे। इस दौरान उन्होंने महज कुछ मिनटों के लिए कमल का सिंबल थामा था।
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के साथ जेडीयू के अध्यक्ष भी हैं। जेडीयू का चुनाव चिह्न तीर-कमान पूरे रोड शो में कहीं नजर नहीं आया। अब एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दूसरी पार्टी (बीजेपी) का सिंबल थामे जाने पर चर्चा होना तो लाजमी है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में वापसी की थी। आरजेडी से गठबंधन छोड़कर उन्होंने फिर से बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार का गठन किया। जब से वे एनडीए में आए हैं, तब से उन्होंने कई बार कहा कि वह अब कहीं नहीं जाएंगे। रोड शो से पहले रविवार को गोपालगंज में रैली करते हुए भी नीतीश ने कहा कि वह बीच में दो बार भटक गए थे, अब बीजेपी का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।
वहीं, नीतीश कुमार ने साल 2022 में एनडीए से नाता तोड़कर आरजेडी के साथ हाथ मिलाया था। उस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी उनकी पार्टी को खत्म करने की साजिश रच रही है। इसलिए वे लालू एवं तेजस्वी यादव के साथ आ गए। महागठबंधन में रहते हुए उन्होंने देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की। नीतीश की बदौलत ही पटना में पहली बार विपक्षी दलों की बैठक हुई और वहीं से INDIA गठबंधन की नींव रखी गई।
जेडीयू के कार्यकर्ता एवं नीतीश के समर्थक उन्हें पीएम मटैरियल तक बताने लगे। कई बार नीतीश कुमार के विपक्ष के पीएम कैंडिडेट या INDIA गठबंधन के संयोजक बनने की अटकलें चलीं। हालांकि, बाद में INDIA गठबंधन से अलग हो गए और एनडीए में वापस आ गए।
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