नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अगले साल से पेट्रोल वाहनों की तरह सस्ते हो जाएंगे. गडकरी ने 1 नवंबर को एक कार्यक्रम के दौरान देश भर में बसों को फिर से चलाने की सरकारी योजनाओं की घोषणा करते हुए यह बयान दिया. गडकरी के अनुसार भारत में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में 800% की बढ़ोतरी हुई है.
भारत में 2022 में लगभग 17 लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड किए गए थे. भारत में 1.5 लाख बसें हैं, जिनमें से 93% डीजल पर चलती हैं और कई पुरानी और खराब हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार इन सभी बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना बना रही है.
भारत में हाइड्रोजन कारों पर काम शुरू
गडकरी ने कहा कि निकट भविष्य में भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली कारों के उत्पादन के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है. हाइड्रोजन बनाने के लिए वर्तमान में तीन प्रक्रियाओं ब्लैक हाइड्रोजन, ब्राउन हाइड्रोजन और ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है. ब्लैक हाइड्रोजन बनाने के लिए आपको कोयले की आवश्यकता होती है, ब्राउन हाइड्रोजन बनाने के लिए आपको पेट्रोल की जरूरत होती है और ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए आपको पानी की जरूरत होती है.
कम होगा बसों का किराया
गडकरी के अनुसार भारत में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार का इरादा डबल डेकर बसों की संख्या का विस्तार करने का है. गडकरी ने ऑटो अवार्ड्स 2022 में बोलते हुए यह भी कहा कि सरकार की AC डबल डेकर बसों के टिकटों की कीमत कम करने की योजना है ताकि इसे आम जनता के लिए और अधिक किफायती बनाया जा सके.
इन शहरों के लिए बनेगा ग्रीन एक्सप्रेसवे
केंद्रीय मंत्री इससे पहले नागपुर से पुणे तक एक ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाने का ऐलान किया है. इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटाकर 8 घंटे रह जाएगा, अभी करीब 14 घंटे लगते हैं. नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग को नए पुणे-छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) एक्सेस कंट्रोल ग्रीन एक्सप्रेसवे से छत्रपति संभाजीनगर में जोड़ा जाएगा, ताकि यात्रियों को अब नागपुर से पुणे की यात्रा करते समय होने वाली परेशानी को कम किया जा सके.
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