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    नितिन गडकरी बोले- राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर, जहां हर कोई दुखी…

  • December 03, 2024

    नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने कहा है कि राजनीति (Politics) ‘असंतुष्ट आत्माओं (Dissatisfied Souls) का सागर’ है, जहां हर व्यक्ति दुखी है और अपने वर्तमान पद से ऊंचे पद की आकांक्षा रखता है। नागपुर में रविवार को ‘जीवन के 50 स्वर्णिम नियम’ नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर गडकरी ने कहा कि जीवन समझौतों, बाध्यताओं, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है।


    खास बात है कि यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुख्यमंत्री पद (Chief Minister’s post) को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद भी महायुति अब तक सीएम नहीं चुन सकी है। खबरें हैं कि भाजपा मुख्यमंत्री पद अपने पास रखेगी। वहीं, दो अन्य दल एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के खाते में डिप्टी सीएम आ सकते हैं। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

    भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चाहे व्यक्ति पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या कॉरपोरेट जीवन में हो, जीवन चुनौतियों और समस्याओं से भरा है और व्यक्ति को उनका सामना करने के लिए ‘जीवन जीने की कला’ को समझना चाहिए।

    मंत्री ने राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम को याद करते हुए कहा, ‘राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का सागर है, जहां हर व्यक्ति दुखी है… जो पार्षद बनता है वह इसलिए दुखी होता है क्योंकि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला और विधायक इसलिए दुखी होता है क्योंकि उसे मंत्री पद नहीं मिल सका।’

    भाजपा नेता ने कहा, ‘जो मंत्री बनता है वह इसलिए दुखी रहता है कि उसे अच्छा मंत्रालय नहीं मिला और वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाया तथा मुख्यमंत्री इसलिए तनाव में रहता है क्योंकि उसे नहीं पता कि कब आलाकमान उसे पद छोड़ने के लिए कह देगा।’ उन्होंने कहा कि जीवन में समस्याएं बड़ी चुनौतियां पेश करती हैं और उनका सामना करना तथा आगे बढ़ना ही ‘जीवन जीने की कला’ है।

    गडकरी ने कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक जीवन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का एक उद्धरण याद है, जिसमें कहा गया है, ‘कोई व्यक्ति तब खत्म नहीं होता जब वह हार जाता है। वह तब खत्म होता है जब वह हार मान लेता है।’

    केंद्रीय मंत्री ने सुखी जीवन के लिए अच्छे मानवीय मूल्यों और संस्कारों पर जोर दिया। उन्होंने जीवन जीने और सफल होने के अपने आदर्शों तथा नियमों को साझा करते हुए ‘व्यक्ति, पार्टी और पार्टी दर्शन’ के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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