नई दिल्ली । भारत (India) में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) की स्थिति को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने हाल ही में कुछ भयावह आंकड़े जारी किए हैं। इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि इस स्थिति में सुधार लाने के लिए हमें आने वाली पीढ़ी को इस संबंध में जागरूक करना होगा और उन्हें सड़क सुरक्षा के अभियान से भी जोड़ना होगा। नितिन गडकरी ने इस विषय को लेकर भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक बैठक की है।
बैठक के दौरान रोड सेफ्टी के विषय को मौजूदा शिक्षा प्रणाली से जोड़ने पर चर्चा की गई है। केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है। गडकरी ने कहा कि 2023 में स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के पास 11,000 से ज्यादा युवाओं की जान चली गई। इनमें से 10,000 की उम्र 18 वर्ष से भी कम थी। नितिन गडकरी ने लिखा, “यह आंकड़े चिंताजनक हैं और इस पर तत्काल एक्शन लेने की जरूरत है।
भावी पीढ़ी को जागरूक करना उद्देश्य
नितिन गडकरी ने आगे कहा, “शिक्षा मंत्रालय के समर्थन के साथ, हम सड़क सुरक्षा अभियान को पूरे भारत के स्कूलों के साथ जोड़ने के लिए तैयार हैं। इसका उद्देश्य हमारी भावी पीढ़ियों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करना है।” उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने स्कूलों के आस पास सुरक्षा स्थापित करने, स्कूल के समय बच्चों के प्रवेश और निकास के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू करने और स्कूल बसों और वैन में सुरक्षा मानकों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता पर भी चर्चा की।
सड़क सुरक्षा अभियान का विस्तार
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि छोटी उम्र में सड़क सुरक्षा के उपाय सिखाने से जिम्मेदार युवाओं को तैयार करने में मदद मिलती है। अधिकारी ने कहा, “युवा भविष्य के ड्राइवर और सड़क इस्तेमाल करने वाले लोग होंगे। उन्हें छोटी उम्र में ही सड़क सुरक्षा के नियम सिखाना महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा अभियान के विस्तार का उद्देश्य जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है।”
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