-मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की बैठक को किया संबोधित
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश को तेज गति से विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आत्म-निर्भर भारत बनाने के मंत्र में मध्यप्रदेश का पूरा योगदान रहेगा। नीति आयोग के सुझावों पर अमल कर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में कमी नहीं रहने देंगे।
मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार शाम को मंत्रालय में नीति आयोग की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में नीति आयोग के सहयोग से प्रदेश में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में नीति आयोग द्वारा कोरोना काल में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की गई। इसी तरह कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में मध्यप्रदेश के अच्छे कार्यों की भी सराहना की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसलों के उत्पादन का ठीक दाम मिले इस पर समग्र रूप से विचार किया जाएगा। हमने किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। दूध के उत्पादन में भी प्रदेश में अच्छी वृद्धि हुई है। सिंचाई के क्षेत्र एवं पेयजल की योजनाओं में मध्यप्रदेश ने काफी उन्नति की है।
उन्होंने कहा कि जिन गांवों में भूमिगत जल के स्रोत नहीं हैं, वहां नये जल स्रोत विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में स्वच्छता संबंधी सुविधाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन योजना में प्रदेश में निरंतर कार्य चल रहा है। इससे सीएनजी गैस बनाने का कार्य भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में वनों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इन्फ्रा-स्ट्रक्चर लॉजिस्टिक में अभी काफी कार्य किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आकांक्षी जिलों के साथ आकांक्षी विकासखण्ड भी बनाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने हमें हर संभव सहयोग दिया है। देश की ताकत राज्यों में है। प्रधानमंत्री मोदी की मंशानुसार राज्यों को बेहतर क्रियान्वयन करना होगा। कोविड काल में प्रधानमंत्री ने आत्म-निर्भर भारत का मंत्र दिया। तभी से हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण किया जाना तय किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों को ध्यान में रखकर प्रदेश का बजट बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कहां हैं इस विषय में नीति आयोग ने हमें अवगत कराया है। इसके आधार पर हम आगे बढ़ेंगे। जहां सुधार की जरूरत होगी वहां सुधार करेंगे। प्रदेश के कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ायेंगे, उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ायेंगे, व्यवस्थाओं में सुधार करेंगे और जो गेप है उसकी भरपाई करेंगे। योजनाओं को आगे बढ़ायेंगे। जरूरत के अनुसार संवाद करेंगे। वैभवशाली, गौरवशाली और शक्तिशाली भारत बनाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
बैठक के दौरान नीति आयोग के सदस्यों ने विभिन्न योजनाओं पर केन्द्रित प्रस्तुतिकरण दिया। सदस्यों ने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास दर अच्छी रही है। कृषि के क्षेत्र में बहुत बड़ा कार्य हुआ है। राज्य को आगे ले जाने के लिए किसानों की आय बढ़ाना जरूरी है। पशुपालन, वानिकी और बांस की खेती को बढ़ावा देना भी जरूरी है। दालों का उत्पादन और बढ़ाने की जरूरत है। (एजेंसी, हि.स.)
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