said this big thing about agricultural laws
नई दिल्ली । नीति आयोग (NITI Aayog) की गवर्निंग काउंसिल (Governing council) की छठी मीटिंग में शामिल किसी भी राज्य ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की बात नहीं कही। यह बात नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार (NITI Aayog Vice Chairman Rajiv Kumar ) ने कही। मीटिंग के बारे में बातचीत करते हुए राजीव कुमार (Rajiv Kumar ) ने कहा कि बैठक में राज्यों ने कृषि क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को लेकर बातचीत की लेकिन कानूनों को वापस लिए जाने को नहीं कहा। उन्होंने कहा कि किसी ने भी तीन नए कृषि कानूनों के बारे में बात ही नहीं की। राजीव कुमार ने कहा कि ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने विकास के एजेंडे और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सिक्किम और बिहार जैसे राज्यों ने कहा कि वह कृषि आधारित क्षेत्र हैं और इस क्षेत्र के सुधार के लिए कदम उठाना चाहते हैं। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि मीटिंग में कृषि क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें जिला स्तर पर कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुसार क्रॉपिंग सिस्टम को तैयार करना, जल संरक्षण को बढ़ावा देना, पोषक तत्वों वाले अनाज, दालों, बागवानी, मछुआरों और पशुपालन, भोजन के लिए विविधीकरण शामिल रहे। मीटिंग में प्रोसेसिंग, कृषि आधारित उद्योग और निर्यात पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बैठक राष्ट्रीय विकास के एजेंडे और विकास की आवश्यकता पर केंद्रित थी।
उल्लेखनीय है कि मीटिंग में 26 मुख्यमंत्रियों, तीन उपराज्यपालों और दो प्रशासकों ने भाग लिया। पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना और गुजरात के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके। इस बैठक में पहली बार पहली बार लद्दाख शामिल हुआ। साथ ही जम्मू-कश्मीर ने इस बार केंद्र शासित राज्य को रूप में बैठक में भाग लिया। इस बार अन्य केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासकों को भी आमंत्रित किया गया।
बतादें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मीटिंग को वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा है कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बनने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब राज्य और केंद्र सरकारों ने एक साथ काम किया तो पूरे देश को सफलता मिली और अच्छी छवि बनी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि बैठक में छह बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना, कृषि बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन विकास, सेवा वितरण और स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना शामिल हैं।
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