नई दिल्ली. बैंकों के बढ़ते घाटे को देखते हुए नीति आयोग ने सरकार को तीन पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करने का सुझाव दिया है. ये तीन बैंक हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र हैं. बैंकों की खस्ता होती हालात को सुधारने के लिए नीति आयोग ने सरकार को कई और सुझाव भी दिए हैं.
नीति आयोग ने सभी ग्रामीण बैंकों के मर्जर का भी सुझाव दिया गया है. ताकि बैंकों को घाटे से मुनाफे में लाया जा सके. नीति आयोग ने एनबीएफसी को अधिक छूट देने की भी सिफारिश की है. सरकार बैंकों को लगातार घाटे से निकालने की कोशिश कर रही है.
सरकार ने पिछले साल 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला लिया था. ताकि बैंकिंग सेक्टर को एक बार फिर से घाटे से निकालकर मुनाफे में लाया जा सके.
इस हफ्ते की शुरुआत में इस बात की सुगबुगाहट थी कि सरकार घटे में चल रही इंडिया पोस्ट को ग्रामीण बैंकों के साथ मर्ज कर सकती है. जिसके बाद एक नया पब्लिक सेक्टर बैंक बनेगा जो कि नुकसान में नहीं होगा. पोस्टल ऑफिस के देश भर में फैले मजबूत नेटवर्क के उपयोग के लिए सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को इंडिया पोस्ट के साथ मर्ज करने और इंडिया पोस्ट के 15 लाख पोस्टल आउटलेट का उपयोग करने का सुझाव रखा गया है.
काफी समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि देश में सरकारी बैंकों की संख्या को 12 से पांच पर लाने की तैयारी चल रही है. इस दिशा में पहले चरण में बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का कदम उठाया जा सकता है.
सरकार का विचार है कि देश में चार से पांच सरकारी बैंक ही होने चाहिए. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकार निजीकरण को लेकर नया प्रस्ताव बना रही है. इस प्रस्ताव में बैंकों की संख्या कम करने की योजना होगी. (एजेंसी, हि.स.)
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