भोपाल। प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से राज्य नीति आयोग कम समय में पूर्ण होने वाली योजनाएं बनाए, नीतियां निर्धारित करे, उनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर जल्द से जल्द परिणाम सामने लाएं। इस उद्देश्य से सर्वोच्च प्राथमिकता के कुछ कार्यक्रम एवं योजनाएँ तय कर उनके लक्ष्य निर्धारित किए जाएँ। कार्यों का प्रभाव आगामी दो वर्ष में परिलक्षित होना चाहिए, मुझे परिणाम चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य नीति एवं योजना आयोग की बैठक में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए विभागों की कार्य-योजना, रणनीति एवं समय-सीमा को स्पष्टत: प्रस्तुत किया जाए।
प्रदेश में आईएमआर, एमएमआर, माल न्यूट्रिशन, स्टंटिंग के साथ सहकारिता आंदोलन, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण, महिला नीति, सतत पर्यटन और मत्स्य निर्यात की दिशा में प्रभावी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिणाम दिखाई दे सकते हैं। इन पर विशेष ध्यान दिया जाए। गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर से लेकर जन-प्रतिनिधि, दीनदयाल अंत्योदय समिति, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता तक की जिम्मेदारी और समय-सीमा तय की जाए तथा मासिक आधार पर इनकी समीक्षा हो।
एक अफसर को दें एक विकासखंड की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक आकांक्षी विकासखंड की जिम्मेदारी एक-एक अधिकारी को सौंपी जाए। इससे तय लक्ष्य की समय-सीमा में प्राप्ति में सहायता मिलेगी। प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं और अधो-संरचना विकास से संबंधित गतिविधियों के थर्ड पार्टी मूल्यांकन के संबंध में भी विचार-विमर्श आवश्यक है।
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