भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव के बाद बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी है। संभवत: जल्द होने वाले इस फेरबदल में आधा सैकड़ा से ज्यादा अफसरों के बदले जाने की संभावना है। जिसमें प्रमुख सचिव से लेकर कलेक्टर, संभागायुक्त एवं जिला पंचायत सीईओ तक शामिल हैं। इस बीच नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीतेश व्यास(1996)भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह इसके लिए आवेदन कर दिया है। इस बीच खबर है कि केंद्रीय में प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईएएस विवेक अग्रवाल (1994)मप्र वापस लौट सकते हैं।
विवेक अग्रवाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी अफसरों में शामिल हैं। वे शिवराज सरकार में लंबे समय तक सीएमओ में रहे हैं। वे ताकतवर अफसर रहे हैं। कमलनाथ सरकार आने के बाद विवेक अग्रवाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे। चूंकि अब फिर से शिवराज सरकार आ चुकी है और उपचुनाव भी हो चुके हैं। ऐसे में विवेक अग्रवाल के मप्र वापस लौटने की अटकलें है। मंत्रालय सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में विवेक अग्रवाल ने मप्र हाउस में मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी। हालांकि विवेक अग्रवाल के मप्र वापस लौटने को लेकर मुख्य सचिव कार्यालय तैयार नहीं है। अग्रवाल संयुक्त संचिव आईटी एवं सीईओ प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात एक अन्य आईएएस अधिकारी हरिरंजन राव (1994)के भी मप्र लौटने की चर्चा है। सूत्र बताते हैं कि राव फिलहाल मप्र लौटना नहीं चाहते हैं। राव दूरसंचार मंत्रालय में ज्वाइंट सेके्रेट्री है।
पदस्थापना के इंतजार में मनीष सिंह
पिछले हफ्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे 1997 बैच के आईएएस मनीष सिंह पदस्थापना के इंतजार में हैं। वे लंदन में इंडिया हाई कमीशन में पदस्थ थे। उन्हें जल्द ही मंत्रालय में नई जिम्मेदारी मिलेगी। 1997 बैच के अधिकारी दो महीने बाद जनवरी में प्रमुख सचिव के लिए
पदोन्नत होंगे।
चंबल कमिश्नर और 10 कलेक्टर बदलेंगे
विधानसभा उपचुनाव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा एवं अशोकनगर कलेक्टर की पुर्नपदस्थापना के अलावा अन्य कोई तबादले नहीं किए हैं। 30 नवंबर को चंबल कमिश्नर रविंद्र कुमार मिश्रा और आईएएस भगत सिंह कुलेश सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही प्रशासनिक फेरदबदल करने वाले हैं। इसमें दो संभागायुक्त समेत एक दर्जन करीब कलेक्टर बदले जा सकते हैं। दरअसल, सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्रियों के हिसाब से अभी विभाग में जमावट नहीं हुई है। सभी उपचुनाव का इंतजार कर रहे थे। अब प्रदेश में भाजपा के पूर्ण बहुमत की सरकार है इसलिए सत्ता और संगठन के समीकरणों के हिसाब से नवीन पदस्थापनाएं जल्द होंगी।
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