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    निर्मला सीतारमण FMCBG की बैठक में हुईं शामिल, अंतरराष्ट्रीय कर नियम को लेकर कही यह बात

  • October 14, 2022

    वाशिंगटन डीसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन डीसी में चल रहे जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक में दूसरे दिन भाग लिया। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (WB) की सलाना बैठक से इतर हुई। वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त मंत्री सीतारमण ने बैठक में बुनियादी ढांचे, निवेश और अंतरराष्ट्रीय कर-निर्धारण को लेकर अपनी बात रखी।

    सीतारमण ने निजी क्षेत्र की भागीदारी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए उप-राष्ट्रीय स्तर पर धन जुटाने को लेकर भी बात की। वित्त मंत्रालय ने आगे बताया कि दो-स्तंभ समाधान (Two Pillar Solution) पर, वित्त मंत्री ने बातचीत और क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देने के लिए सभी अधिकार-क्षेत्रों से साझेदारी का आह्वान किया।

    उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कर नियम सरल, प्रशासनीय होने चाहिए और विकासशील देशों में सार्थक राजस्व उत्पन्न करने वाला होना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान अपतटीय कर चोरी से निपटने के लिए क्रिप्टो परिसंपत्तियों के क्षेत्राधिकारों के बीच प्रभावी कर रिपोर्टिंग व्यवस्था और सूचना का आदान-प्रदान करने का भी आह्वान किया।

    वित्त मंत्री सीतारमण ने ऑस्ट्रेलिया और मिस्र के समकक्षों के साथ बैठक की
    निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के नेतृत्व के साथ चर्चा के अलावा ऑस्ट्रेलिया और मिस्र के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक के इतर वाशिंगटन में सीतारमण की बैठकें भारत द्वारा अगले साल जी-20 समूह की अध्यक्षता से पहले शीर्ष वित्तीय नेताओं के साथ उनकी व्यस्त कार्यक्रमों का हिस्सा है। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने इन नेताओं से इस बारे में भी बात की कि अगले साल जी20 समूह की अध्यक्षता करने के दौरान भारत को किस तरह की भूमिका निभानी चाहिए। इन सभी बैठकों के दौरान भारत को अपने जी-20 एजेंडे के लिए समर्थन मिला।


    आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव माथियास कॉर्मन (Mathias Cormann) के साथ अपनी बैठक में सीतारमण ने भारत-ओईसीडी द्विपक्षीय जुड़ाव और 2023 में भारत द्वारा जी-20 समूह की अध्यक्षता को लेकर ओईसीडी के समर्थन पर चर्चा की। इससे एक दिन पहले सीतारमण ने मिस्र के अरब के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री रानिया अल मशात से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच अक्षय ऊर्जा पर विचारों का आदान-प्रदान किया था। उन्होंने उन्होंने जलवायु वित्त के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने के महत्व को रेखांकित किया और मिस्र द्वारा 2023 में कॉप27 (COP27) की मेजबानी और भारत द्वारा जी20 अध्यक्षता के लिए सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

    जी20 देशों के सामने भारत ने रखा 2023 का एजेंडा
    भारत की ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के सामने साल 2023 के एजेंडे का खाका भी रखा। बता दें कि भारत अगले साल इस समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है। ऐसे में उसके कार्यों में राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ आर्थिक मुद्दे भी शामिल रहेंगे।

    अभी इंडोनेशिया जी20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है। आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक से इतर एक प्रेसवार्ता में इंडोनेशिया की वित्त मंत्री श्री मुल्यानी इंद्रावती ने कहा कि बैठक में भारत ने साल 2023 के लिए अपना एजेंडा प्रस्तुत किया। हालांकि इंद्रावती ने इस एजेंडे के बारे में विस्तार में जानकारी देने से इनकार कर दिया।

    इंद्रावती ने मीडिया से कहा कि मैं भारत के एजेंडे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। बस इतना कहूंगी कि हम समूह की अध्यक्षता के लिए उसे और उसके एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं। एजेंडे में शामिल कई मुद्दों का हम फिलहाल सामना कर रहे हैं और इनमें से कुछ आने वाले समय में विशेष रूप से साल 2023 में और भी अहम होंगे, क्योंकि मौजूदा आर्थिक हालात पहले से ही चुनौतीपूर्ण हैं। मेरी ओर से भारत को भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

    इंडोनेशिया की अध्यक्षता में हुई इस चौथी और आखिरी बैठक में उन्होंने कहा कि हमने कई चुनौतियों का सामना किया है, चाहे फिर वो राजनीतिक टकराव हो, यूक्रेन युद्ध हो, या फिर बिगड़ती आर्थिक स्थिति से पैदा हुई समस्या। हमने हर परिस्थिति में समूह की एकता को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान मुख्य रूप से छह एजेंडा पर चर्चा हुई।

    इनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था; अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा, वित्तीय क्षेत्र का विनियमन; अवसंरचना में निवेश; सतत वित्तपोषण; और सतत कराधान शामिल रहे। उन्होंने वैश्विक वित्तीय तंत्र को और मजबूत करने, क्रिप्टो-परिसंपत्तियों से जुड़ी गतिविधियों, उत्पादन बढ़ाने के लिए डिजिटलकरण, टिकाऊ और समावेशी अर्थव्यवस्था और डिजिटल वित्तीय साक्षरता को मजबूत करने की रणनीतियां बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। बता दें कि इंद्रावती और बैंक इंडोनेशिया के गवर्नर पेरी वारजियो ने इस बैठक के सत्रों की सह-अध्यक्षता की।

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