जयपुर । राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का रेप के बढ़ते मामले (rape cases) को लेकर दिया बयान विवादित रूप ले लिया है। गहलोत के बयान पर अब निर्भया की मां आशा देवी ((Nirbhaya Mother Asha Devi)) ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक बयान है, यह दर्दनाक है, खासकर उन परिवारों और लड़कियों के लिए, जो इस तरह के जघन्य अपराधों की शिकार हुई हैं। निर्भया की मां ने कहा, उन्होंने (सीएम गहलोत) ने निर्भया का मजाक उड़ाया, कानून उनकी सरकार ने बनाया।”
पीड़ितों के प्रति उनके मन में सहानुभूति नहीं- आशा देवी
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, “प्रावधान जब नहीं आया था, तब लड़कियों की हत्या कर दी जाती थी। सीएम गहलोत का यह बयान अपराधियों का समर्थन करने की मानसिकता को दर्शाता है, जबकि पीड़ितों के प्रति उनके मन में सहानुभूति नहीं है। कानून बुरा नहीं है, लोगों की मानसिकता है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।”
‘निर्भया कांड के बाद बढ़ीं बच्चियों की रेप के बाद हत्याएं’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने एक बयान में कहा, “निर्भया कांड के बाद जब से यह किया गया कि रेपिस्ट को फांसी की सजा मिलेगी, उसके बाद बच्चियों की रेप के बाद हत्याएं बहुत बढ़ रही हैं। रेप करने वाला देखता है कि कल यह मेरे खिलाफ गवाह बन जाएगी, तो हत्या कर देता है। देश में ये खतरनाक चलन दिख रहा है।”
‘3 साल में राजस्थान बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों का केंद्र बना’
गहलोत के बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हमला बोला। उन्होंने कहा, “अशोक गहलोत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले 3 साल में राजस्थान मासूम बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों का केंद्र बना है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए विवादित बयान देकर विषय बदलने वालों का इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।”
राजस्थान में साल 2020 में दुष्कर्म के 5,310 केस दर्ज किए गए
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में साल 2020 में दुष्कर्म के 5,310 केस दर्ज किए गए। इससे ठीक एक साल पहले 2019 यहां रेप के 5,997 मामले सामने आए थे। दोनों ही साल दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर रहा था।
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