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    Nirav Modi case : ब्रिटिश कोर्ट ने पूर्व जज काटजू को लिया आड़े हाथों, कही यह बात..

  • February 27, 2021

    लंदन । पीएनबी घोटाले(PNB Scam)  में भगोड़ा घोषित हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Businessman Nirav Modi) के प्रत्यर्पण को उचित बताते हुए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट(Westminster Magistrate Court)  के जिला जज (District Judge) सैम्यूल गूजी (Samuel Guji) ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)  के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू की दलीलों को घोर असंवेदनशील बताया।

    काटजू ने नीरव की पैरवी में भाजपा सरकार (BJP Government) की तुलना हिटलर (Hitler) से करते हुए कहा था कि सरकार की नजर में नीरव मोदी यहूदी है और वह उसे सभी आर्थिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहरायेगी। जज गूजी ने बॉम्बे हाईकोर्ट( Bombay High court)  के पूर्व जज अभय थिप्से की दलीलों को भी खारिज कर दिया। 


     नीरव मोदी मामले में काटजू पिछले साल एक विशेषज्ञ गवाह के तौर पर वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने दावा किया था कि भारत (India)  में नीरव के खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। भारत सरकार नीरव मोदी को देश में वित्तीय संकट (Financial Crisis)  खड़ा करने के लिए बलि का बकरा बनाना चाहती है। जज सैम्युल गूजी ने अपने आदेश में काटजू को आड़े हाथों लेते हुए कहा, काटजू की जिरह आश्चर्यजनक और अनुचित थी व भारत सरकार की हिटलर से तुलना घोर असंवेदनशील थी। 

    ब्रिटिश जज (British Judge) ने अपने आदेश में कहा, ऐसा कोई ठोस या भरोसेमंद सबूत नहीं है, कि भारत में न्यायपालिका अब स्वतंत्र नहीं है या एक निष्पक्ष सुनवाई करने में सक्षम नहीं है। यह एक हाई प्रोफाइल मामला है और मीडिया की इसमें काफी दिलचस्पी है।

    काटजू मुखर आलोचक, यह उनका निजी एजेंडा
    गूजी ने अपने आदेश में टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज काटजू एक मुखर आलोचक हैं और यह उनका निजी एजेंडा है। उनकी गवाही निष्पक्ष नहीं थी और जो उन्होंने कहा उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

    जज ने कहा, कोर्ट में दी गई उनकी गवाही में, अपने पूर्व वरिष्ठ न्यायिक सहयोगियों के प्रति नाराजगी साफ झलकती है। यह एक ऐसे मुखर आलोचक की टिप्पणी थी, जिसका अपना एक अलग निजी एजेंडा था। गौरतलब है कि काटजू ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की भी आलोचना की थी। काटजू ने देश के 50 फीसदी से अधिक जजों को भ्रष्ट बताया था।

    काटजू ने कहा, मेरा कोई निजी एजेंडा नहीं
    ब्रिटिश जज गूजी की टिप्पणियों को अनुचित और झूठ करार देते हुए काटजू ने कहा, बेशक जज को अपनी राय व्यक्त करने का अकधािर लेकिन मेरा कोई निजी एजेंडा नहीं है और मेरे लिए ऐसा कहना सरासर झूठ है।

    बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज, अभय थिप्से (Abhay Thipse) की ओर इशारा करते हुए काटजू ने कहा, जस्टिस थिप्से की तरह मैं किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य न तो हूं, न कभी रहा हूं और न कभी रहने का इरादा रखता हूं। थिप्से अब कांग्रेस (Congress) के सदस्य हैं, और वो भी नीरव मोदी की ओर से एक विशेषज्ञ गवाह के तौर पर पेश हुए थे। 

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