इन्दौर। कल शाम से रेवती रेंज में पौधारोपण के लिए जोरदार तैयारियोंं को अंतिम रूप दिया जाता रहा। शाम से लेकर देर रात ढाई बजे तक मंत्री कैलाश विजयवर्गीय वहीं डटे रहे और फिर दो घंटे के आराम के बाद फिर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। गड्ढों से लेकर कई कार्यों के लिए बीएसएफ के दो हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था, वहीं दो लाख अतिरिक्त पौधे भी मंगवा लिए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए।
रेवती रेंज में बड़े पैमाने पर पौधारोपण के आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। गड््ढे करने के लिए मशीनों का अंबार लगा हुआ था। नगर निगम के अलावा कई अन्य शहरों से भी अत्याधुनिक मशीनें बुलवाई गई थीं, ताकि लाखों गड््ढे का काम तेजी से पूरा किया जा सके। इस काम में बीएसएफ जवानों का भी खासा योगदान रहा। कल रात पूरे समय नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, एमआईसी मेंबर राजेंद्र राठौर और कुछ अन्य अधिकारी रात 2.30 बजे तक वहां मौजूद रहकर तमाम व्यवस्थाओं को पूरा कराते रहे। इस दौरान बीएसएफ के कई आला अधिकारी भी वहां मौजूद थे। पूरे क्षेत्र में 2 हजार बीएसएफ जवानों ने मोर्चा संभालकर पौधारोपण के लिए गड्ढों से लेकर कई अन्य कार्य पूरे किए। राठौर के मुताबिक कल रात कई और ट्रक पौधे भरकर वहां पहुंचे, जिन्हें खाली कराने का काम निगम की टीमों और बीएसएफ जवानों की मदद से किया जा रहा था। दो लाख पौधे अतिरिक्त बुलाए गए हैं, ताकि कमी-पेशी ना रहे। आज सुबह 5 बजे से फिर वहां मंत्री विजयवर्गीय और उनकी टीम ने फिर मोर्चा संभाल लिया था।
वार्डों से बसों में भर-भरकर लोगों की टोलियां पहुंचने लगीं रेवती रेंज
51 लाख पौधे लगाए जाने के आयोजन में शामिल होने के लिए शहरभर के 85 वार्डों से लोगों की टोलियां सुबह से रेवती रेंज पहुंचने लगी थीं और इसके लिए करीब 900 से ज्यादा बसें नेताओं के माध्यम से विभिन्न चौराहों और प्रमुख क्षेत्रों में तैनात की गई थीं। कई वार्डों में ढोलक के साथ लोग उत्साह से बसों से रवाना हुए।
कई एमआईसी मेंबरों, पार्षदों और वार्ड प्रमुखों को कल दिन में ही इसकी सूचना देकर तैयारियों में जुटने के लिए कहा गया था, ताकि बसों के स्थान तय किए जा सकें। कई जगह रात में ही बसें खड़ी कर दी गई थीं और कई जगह आज सुबह बसें भेजी गईं। सभी 85 वार्डों के प्रमुख चौराहों और स्थानों पर चार से पांच बसें तैनात की गई थीं, ताकि लोगों को जाने में परेशानी न आए। इसके अलावा कुछ बसें अतिरिक्त भी रखी गई थीं, जहां सूचना मिलने पर और बसें भेजी जा रही थीं। करीब 900 से ज्यादा बसें इसके लिए विभिन्न वार्डों में भेजी गई थीं। सुबह 7 बजे से वार्ड प्रमुख लोगों की टोलियां लेकर बसों तक पहुंच रहे थे और उन बसों में लोगों को बैठाकर रवाना किया जा रहा था। कोशिश यह की जा रही थी कि सुबह जल्दी से जल्दी लोगों को रेवती रेंज पहुंचाया जा सके, ताकि बाद में फिर से क्षेत्र में आकर अन्य लोगों को लेकर रवाना हो जाए।
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