उज्जैन। बसंत पंचमी पर सामूहिक विवाह की धूम रहती है, जिसके चलते शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मांगलिक आयोजनों में 250 मेहमानों के प्रतिबंध को समाप्त कर दिया। अब चाहे जितने मेहमान बुलाए जा सकेंगे। वहीं अब रात्रिकालीन कफ्र्यू का भी कोई औचित्य नहीं बचा, उसे भी जल्द समाप्त किया जाएगा। शादी आयोजकों के साथ-साथ होटल, टेंट के साथ केटरिंग सहित अन्य व्यवसायी भी इस निर्णय के चलते खुश हो गए हैं। जनवरी में तीसरी लहर के चलते मरीजों की संख्या बढऩे के कारण शासन ने रात्रिकालीन कफ्र्यू के साथ शादी जैसे आयोजनों में 250 मेहमानों की संख्या तय कर दी थी, जिसके चलते कई शादियां आगे बढ़ा दी या अलग-अलग दिनों में मेहमानों को बुलाया।
अब कल मुख्यमंत्री ने ये प्रतिबंध हटा दिया, जिसके चलते आज सामूहिक विवाह की भी धूम रहेगी और शादी करने वाले परिवार भी खुश हुए, क्योंकि वे भी अभी तक असमंजस में ही थे। कम मेहमानों की संख्या के चलते केटरिंग, होटल, गार्डन के कारोबार पर भी असर पड़ रहा था। मगर अब चूंकि मेहमानों की संख्या अधिक हो सकेगी, जिसके चलते शादी व्यवसाय के जुड़े कारोबारी भी खुश हो गए। वहीं अब चूंकि ये आयोजन देर रात तक चलते हंैं, लिहाजा 11 बजे से लगने वाला रात्रिकालीन कफ्र्यू भी औचित्यहीन हो गया है।
दिल खोलकर दे रहे निमंत्रण
सरकार द्वारा विवाह समारोह में मेहमानों की प्रतिबंध हटाते ही शादी विवाह के आयोजन करने वाले परिवारों के मन से यह चिंता दूर हो गई है कि किसे बुलाएँ और किसे न बुलाएँ। जब प्रतिबंध के कारण वर-वधु पक्ष के 250 लोगों की बंदिश थी तब विवाह वाले परिवारों में यह संशय बना हुआ था कि मेहमानों में वे किसे नहीं बुलाएँ लेकिन शुक्रवार शाम को प्रतिबंध समाप्त होने की घोषणा के बाद शादी वाले घरों में दो गुनी खुशी आ गई है और वे फूर्ति से कार्ड लेकर अपने व्यवहारियों को निमंत्रण पत्र बाँटने के लिए निकल पड़े हैं। लोगों के यहाँ भी पिछले दो साल से निमंत्रण नहीं होने के कारण मायूसी छाई हुई थी। अब एक बार फिर सभी के घरों में शादी के न्यौते आने लगे हैं।
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