नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने देश के पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 32 जगहों पर छापेमारी की. एनआईए ने इस कार्रवाई के जरिए लॉरेंस बिश्नोई और खालिस्तनियों के आतंकी-गैंगस्टर के गठजोड़ को तोड़ने की कोशिश की है. ये छापेमारी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में 32 ठिकानों पर की गई थी.
इस छापेमारी में एजेंसी ने आरोपियों के पास से 4.60 लाख कैश, दो पिस्तौल दो मैगजीन बरामद की है. इसके अलावा जांच से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए हैं. NIA ने ये छापेमारी आतंकी और गैंगस्टर के गठजोड़ मामले में दर्ज किए गए तीन मामलों में की थी. ये मामले खालिस्तानी आतंकी जिसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े बदमाशों के खिलाफ दर्ज किए गए थे.
ये नेटवर्क ना सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में हत्या करवा रहा है बल्कि पाकिस्तान से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में भी लगा हुआ है. अपराध की दुनिया से कमाए गए इन पैसों को ये नेटवर्क अलग-अलग जगह पर निवेश भी कर रहा है ताकि इन पैसों का इस्तेमाल नेटवर्क को बढ़ाने में किया जा सके.
एजेंसी ने जो तीन मामले दर्ज किए है, उसमें पहले मामले में 16 ठिकानों पर छापेमारी की गई जोकि UAPA में घोषित आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा और लखबीर सिंह संधू और इससे जुड़े लोगों पर थी. ये दोनों आतंकी बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हैं और देश से बाहर बैठकर अपने नेटवर्क के जरिए देश में आतंकी वारदातों को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
ये लोग पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी दहशतगर्दों के जरिए भारत में हथियारों की तस्करी में लगे हुए हैं, जो पंजाब के रास्ते की जा रही है. इस तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा ये लोग विदेश से MTSS-Money Transfer Service Scheme के जरिये देश में आतंकियों को फंड भिजवा रहे हैं, ताकि देश में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा सके.
इसके अलावा दूसरे मामले में एजेंसी ने 7 ठिकानों पर गैंगस्टर के ठिकानों पर छापेमारी की जो संगठित तरीके से अपने गैंग को चला रहे है और आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे है. इस गैंग ने दिल्ली एनसीआर के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में चल रहे अलग-अलग गैंग को एक बड़ा गैंग बना लिया और मिलकर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
इस गैंग का मुखिया लारेंस बिश्नोई है जो कनाडा में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर इस गैंगस्टर के नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है. ये गैंग एक माफिया की तरह काम कर रहा है और बब्बर खालसा के आतंकी हरविंदर सिंह के साथ मिल कर आतंकी वारदातों को भी अंजाम दे रहा है जिसमें आतंकियों को हथियार देना, छिपने की जगह देना और शूटर दिलाना है.
इस गैंग ने पंजाबी गायक सिद्दू मूसेवाला और प्रदीप कुमार जैसे लोगों की हत्या की ताकि लोग इनसे डरकर अवैध मांगों को मानने पर मजबूर हो जाएं. इसी तरह ये गैंग लोगों को जिसमें बड़े व्यापारी, सिंगर खिलाड़ी हैं, उनसे ना सिर्फ वसूली करते थे बल्कि अपने फायदे के लिये इस्तेमाल भी कर रहे थे. ना मानने पर ये गैंग हत्या कर देता था ताकि डर बना रहे.
इसके अलावा तीसरे मामले में एजेंसी ने 9 ठिकानों पर छापेमारी की जो देश और विदेश में फैले इस आतंकी-गैंगस्टर के गठजोड़ से जुड़े हुए थे और इस नेटवर्क के लिये काम कर रहे थे. इसमें उन आरोपियों की पहचान की जा रही है जो इस संगठन की मदद करने में लगे हुए थे.
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