नई दिल्ली: देश में आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग (terrorist-gangster-drug) तस्कर गठजोड़ को ध्वस्त करने की दिशा में एनआईए (NIA) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने खूंखार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के गैंगस्टर-आतंकी सिंडिकेट के चार सदस्यों की संपत्ति को जब्त कर लिया है। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एनआईए टीमों ने छापे मारकर इन संपत्तियों को कुर्क किया है। कुर्क की गई संपत्तियों में तीन अचल और एक चल संपत्ति है। एनआईए ने पाया कि ये सभी संपत्तियां ‘आतंकवाद की कमाई’ हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
कुर्क की गई संपत्तियों (confiscate assets) में एक संपत्ति गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ की है। फ्लैट-77/4, आश्रय-1, सुलभ आवास योजना, सेक्टर-1, गोमती नगर एक्सटेंशन की यह संपत्ति यूपी में आतंकी गिरोहों को आश्रय देनेवाले विकास सिंह से संबंधित है। वहीं दो सपत्तियां पंजाब के गांव बिशनपुरा, फाजिल्का में कुर्क की गई हैं। ये संपत्ति दलीप कुमार उर्फ भोला दलीप बिश्नोई के नाम पर है। इसके अलावा जोगिंदर सिंह पुत्र हुकुम सिंह निवासी यमुनानगर, हरियाणा के नाम पर पंजीकृत एक फॉर्च्यूनर कार भी जब्त की गई है।
एनआईए की जांच के मुताबिक विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है। उसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में शामिल आरोपियों सहित आतंकवादियों को शरण दी थी। जबकि जोगिंदर सिंह लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी गैंगस्टर काला राणा के पिता हैं। जोगिंदर सिंह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद के ट्रांसपोर्ट के उद्देश्य से गिरोह के सदस्यों को अपनी फॉर्च्यूनर कार का इस्तेमाल की सुविधा प्रदान कर रहा था। आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का उपयोग हथियारों के भंडारण और छुपाने के लिए और आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया जा रहा था।
एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला कि गिरोह ने देश के कई राज्यों में आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे। यह नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल था। लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, इस नेटवर्क से जुड़े अपराधी व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली करते थे।
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