शामली । दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे साजिश की नई परतें खुलती जा रही हैं। बिहार, यूपी और तेलंगाना एटीएस के बाद एनआईए (NIA) ने केस को अपने हाथ में ले लिया है।शुक्रवार की शाम तक एनआईए की टीम के शामली पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि यहां से गिरफ्तार दोनों संदिग्धों (पिता-पुत्र) का पाकिस्तान से कनेक्शन निकला है। एनआईए टीम के यहां आने की पुष्टि शामली एसपी ने भी की है। एनआईए की एक टीम शुक्रवार को बिहार भी पहुंच रही।
बताया जा रहा है कि दरभंगा ब्लास्ट की पूरी जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में हो रही है। गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने एफआईआर दर्ज कर जांच को अपने जिम्मे में ले लिया है। दरभंगा ब्लास्ट शुरू में सामान्य लग रहा था लेकिन बाद में इसकी गंभीरता को देखकर जांच एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया गया। इस ब्लास्ट के पीछे किसी बड़ी आतंकी वारदात की साजिश का अंदेशा जताया जा रहा है। ब्लास्ट के तार पाकिस्तानी (Pakistani) खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़ रहे हैं। एनआईए पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश करेगी। सूत्रों के मुताबिक अब तक धमाके से जुड़े चार संदिग्धों को तेलंगाना (Telangana) और उत्तर प्रदेश से हिरासत में लिया गया है। शामली से पिता और पुत्र पकड़े गए हैं। बताया जा रहा है कि इन्हीं में से किसी एक की आईडी (Id) पर वहां सिम लिया गया था, जिसका नंबर पार्सल (parcel) पर लिखा हुआ था।
दरभंगा जंक्शन पर 17 जून को कपड़े की गांठ में विस्फोट हुआ था। गांठ से एक शीशी मिली थी, जिसमें केमिकल विस्फोट होने की बात कही जा रही है। यह पार्सल तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से बुक किया गया था। दरभंगा में मो. सुफियान नाम के शख्स को डिलीवर किया जाना था। विस्फोटक के कपड़े की गांठ में होने और पार्सल स्टेशन पर उतर जाने के चलते यह विस्फोट बड़ा रूप नहीं ले सका।
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