नई दिल्ली (New Delhi)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम 19 मार्च को लंदन (London) में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन की एजेंसी की जांच के तहत लंदन के लिए पहुंच गई है। एक अधिकारी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान के आईएसआई से जुड़े आतंकी लिंक सामने आए हैं। जिसके बाद टीम का लंदन जाना तय हुआ। लंदन में टीम सीसीटीवी फुटेज जब्त (cctv footage seized) करेगी और क्राइम सीन (crime scene) की जांच के साथ कर्मचारियों के बयान भी लेगी।
इस मामले में उच्चायोग के एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि एक प्रदर्शनकारी (demonstrator) ने उच्चायोग के बाहर लहरा रहे तिरंगे को नीचे गिराने की कोशिश की थी, जब उसने रोका तो उस पर हमला किया गया। इस मामले में पिछले महीने गृह मंत्रालय (home Ministry) के निर्देश पर एनआईए ने मामला दर्ज किया था।
पिछले महीने, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हुए हमले के संबंध में एक नया मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। जांच एनआईए को सौंपी गई।
आईएसआई लिंक खंगालेगी, सीसीटीवी जब्त होंगे
एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान के आईएसआई से जुड़े एक आतंकी लिंक की ओर इशारा करने के बाद यह निर्णय लिया गया। एक सूत्र ने कहा, ‘टीम सीसीटीवी फुटेज जब्त करेगी और क्राइम सीन की जांच करेगी। वे अपना बयान दर्ज कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिलेंगे।
50 से 60 लोगों का हिंसक प्रदर्शन
दिल्ली पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में, उच्चायोग में सहायक कार्मिक और कल्याण अधिकारी, शिकायतकर्ता किरण कुमार वसंत भोसले ने आरोप लगाया है कि 19 मार्च की दोपहर को, जब वह “नियमित सुरक्षा जांच” के लिए उच्चायोग में थे, तो उन्होंने भीड़ को देखा। लगभग 50 या 60 प्रदर्शनकारी इमारत के सामने इकट्ठा हो गए। “वे खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए पीले झंडे लिए हुए थे। मैंने स्थिति के बारे में एक एसओएस कॉल के माध्यम से डिप्लोमैटिक प्रोटेक्शन ग्रुप (डीपीजी) को तुरंत सूचित किया।”
दो लोगों की पहचान की, खालिस्तानी नारे लगाए
भोसले ने अपनी शिकायत में बताया, “मैंने दो लोगों को देखा जो उच्चायोग के पास थे। इनमें एक अवतार सिंह उर्फ खांडा और एक गुरचरण सिंह थे। वे हिंसक भीड़ के नेताओं में से थे और भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लगाकर भीड़ को भड़का रहे थे।” घटना के एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी को उच्चायोग की बालकनी पर चढ़कर तिरंगे को नीचे गिराते हुए देखा जा सकता है।
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