नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से पहले तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और बीजेपी के बीच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) को लेकर विवाद खड़ा (controversy arose)हो गया है। एनआईए की टीम पर शनिवार (6 अप्रैल) को पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में हमला किया गया। टीम यहां 2022 बम विस्फोट मामले में छापेमारी के लिए पहुंची थी। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग देखने को मिली है।
पीएम मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर संविधान को बर्बाद करने और भ्रष्ट नेताओं को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां तृणमूल नेताओं को बीजेपी में शामिल होने के लिए धमकी दे रही हैं। दोनों नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग के दौरान एनआईए की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वह बिना गलत इरादे के छापेमारी के लिए पहुंची थी, लेकिन टीम पर हमला कर दिया गया।
भ्रष्ट नेताओं को बचा रही टीएमसी: पीएम मोदी
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में रविवार (7 अप्रैल) को एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने टीएमसी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “टीएमसी अपने भ्रष्ट नेताओं को खुलेआम पद पर बने रहने का लाइसेंस दिलाना चाहती है। इसीलिए जब केंद्रीय एजेंसियां पश्चिम बंगाल आती हैं तो टीएमसी उन पर हमला करती है। टीएमसी एक ऐसी पार्टी है जो हमारी कानूनी व्यवस्था और संविधान को नष्ट करना चाहती है।”
पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस ने पार्टियों में भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए इंडी गठबंधन बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी विपक्षी दलों के जरिए मिलकर बनाए गए इंडिया गठबंधन को ‘इंडी गठबंधन’ कहते हैं।
एजेंसियों का हो रहा गलत इस्तेमाल: ममता बनर्जी
वहीं, ममता बनर्जी ने भी बीजेपी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, एनआईए और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी के लिए हथियार के तौर पर काम कर रही हैं। उन्होंने दावा किया, “एजेंसियां हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं से कह रही हैं कि या तो वे बीजेपी में शामिल हों या कार्रवाई का सामना करें।”
उन्होंने पूछा, “टीएमसी नेताओं को परेशान करने के लिए एनआईए, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वे बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर रहे हैं और घरों में घुस रहे हैं। अगर रात के अंधेरे में जब सभी लोग सो रहे हों तो कोई उनके घर में घुस जाए तो महिलाएं क्या करेंगी?”
टीएमसी के दावों को एनआईए ने किया खारिज
बंगाल में जांच एजेंसी को लेकर मच रहे बवाल के बीच एनआईए ने रविवार को एक बयान जारी कर शनिवार की छापेमारी के पीछे गलत इरादा होने के आरोपों को खारिज किया। एनआईए ने कहा कि अधिकारियों पर हमला बेवजह किया गया। जांच एजेंसी ने कहा, “कच्चा बम बनाने के मामले में जांच की जा रही है। इसके तहत मिदनापुर में की गई छापेमारी वैध और कानूनी रूप से जरूरी थी। 2022 में कच्चे बम की वजह से नरूबिला गांव में हुए धमाके में 3 लोगों की मौत हुई थी।”
एजेंसी ने भूपतिनगर में अपने हालिया एक्शन में किसी भी तरह की की गई दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से स्पष्ट रूप से इनकार किया। इसने अपने खिलाफ लगाए गए गैरकानूनी काम करने के आरोपों का खंडन भी किया। एनआईए ने पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
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