नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर बुधवार को देश के 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में छापेमारी (Raids in Union Territories) की। NIA ने देश के अलग-अलग राज्यों में चल रहे मानव तस्करी नेटवर्क (Human Trafficking Network) को झटका देते हुए मानव तस्करी के चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया। NIA की इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ रोकना और भारत में मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करना था। गुवाहाटी, चेन्नई, बैंगलोर, जयपुर में NIA के ब्रांच में 4 मानव तस्करी के मामले दर्ज करने के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 55 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर तलाश ली।
इन 10 राज्यों में की छापेमारी: त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी। मानव तस्करी का प्रारंभिक मामला (FIR संख्या: 12/2023) 9 सितंबर 2023 को असम पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) द्वारा दर्ज किया गया था। ये मामला भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और पुनर्वास के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था। इन घुसपैठियों में रोहिंग्या मूल के लोग भी शामिल हैं। इस नेटवर्क का जाल देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।
मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों, इसकी जटिलता को पहचानते हुए, NIA ने गुवाहाटी में 06 अक्टूबर 2023 को औपचारिक रूप से जांच शुरू की थी। एनआईए की जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे। इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, NIA ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए 3 नए मामले दर्ज किए।
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