जम्मू (Jammu) । पुंछ जिले (Poonch District) में सैन्य जवानों पर आतंकी हमले (Terrorist attacks) की जांच (investigation) में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने भाटादूड़ियां जंगल (bhatadudis forest) और मौका-ए वारदात का डंप डाटा खंगालना शुरू कर दिया है। मौका-ए वारदात और इसके आसपास के इलाकों में एनआईए और पुलिस ने उस दिन इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन का डाटा खंगालना शुरू किया है।
ताकि पता लगाया जा सके कि किन-किन लोगों की किसके के साथ बातचीत हुई है। हालांकि इस मामले में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन आतंकियों के बारे कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
जिस तरह से आतंकियों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाया, उससे साफ पता चलता है कि आतंकियों ने पूरी रणनीति के तहत इस वारदात को अंजाम दिया है। साथ ही उन्हें स्थानीय स्तर पर मदद मिली है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर आतंकियों की मदद करने वालों तक एनआईए नहीं पहुंची पाई है।
पुंछ जिला सॉफ्ट टारगेट
सूत्रों का कहना है कि सैन्य जवानों पर हमला करने से पहले आतंकी संगठनों ने पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी पर हमला करने की योजना भी बनाई थी। हालांकि इसकी भनक एनआईए को लग गई और एजेंसी ने उक्त अधिकारी को आगाह भी किया। आतंकी संगठनों के लिए कश्मीर में वारदातों को अंजाम देना मुश्किल हो रहा है, इसलिए अब पुंछ-राजोरी जैसे जिलों को निशाना बना रहे हैं।
राजोरी हमले में भी अब तक हाथ खाली
बता दें कि इसके पहले इस साल के पहले ही दिन आतंकियों ने राजोरी के ढांगरी में नरसंहार किया था। इस मामले की जांच को तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इसमें एनआईए को कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं मिली है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved