जम्मू (Jammu)। पुंछ जिले (Poonch district) के सावनी इलाके में दो सैन्य वाहनों पर आतंकी हमले (Terrorist attack on two military vehicles) के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम (National Investigation Agency (NIA) team) व सेना की 16वीं कोर के कमांडर (Army 16th Corps Commander) ने शुक्रवार को मौके का दौरा घटना की जांच की। इस दौरान 20 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि आतंकियों ने ग्रेनेड हमले के बाद फायरिंग में स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया है, जिससे गाड़ियों में छेद तक हो गए हैं। इस बीच हमला करने वाले आतंकियों की तलाश में ड्रोन लगाए गए हैं। खोजी कुत्तों से भी इलाके में छानबीन की जा रही है।
डीआईजी के नेतृत्व में एक एसएसपी स्तर के अधिकारी टीम एनआईए टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों पर निगरानी रखे हुए है। वहीं, सेना की 16वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन व डीजीपी आरआर स्वैन ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर सैन्य तथा पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।
उधर, आतंकियों का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है। हमले के बाद इलाके की रातभर घेराबंदी रही और फिर सुबह व्यापक पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है। हमले के बाद डेरा की गली वाले इलाके की सड़क को बंद कर दिया गया है। सेना तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। डीजीपी आरआर स्वैन तथा जीओसी ने डेरा गली स्थित 48 राष्ट्रीय राइफल्स मुख्यालय पहुंचकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। दोनों अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी हासिल की। उधर, एक्स पर सेना की 16वीं कोर की ओर से बलिदानी जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कहा गया कि उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है। मुश्किल घड़ी में पूरी सेना साथ खड़ी है।
इस बीच पूरे घने जंगल क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी रहा। शाम को जंगल में सेना ने चार से छह राउंड फायरिंग की ताकि यदि आतंकी कहीं छिपे हों तो जवाबी कार्रवाई करें। सेना की ओर से डेरा गली, सावनी गली तथा आसपास के इलाकों से 20 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ जारी है। हमले में एम-4 कारबाइन के इस्तेमाल की भी सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हमले का शिकार सैन्य ट्रक के साथ इसकी फोटो सामने आई है।
कई संवेदनशील गांवों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती
इलाके में चमरेड, मस्तान दर्रा, दराबा, बफलियाज, सावनी गली, डेरा की गली आदि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। यहां घने जंगल के साथ ही कई प्राकृतिक गुफाएं भी हैं। इनका इस्तेमाल किए जाने की आशंका में इन्हें भी खंगालने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इलाके में कई ढोक (कच्चे मकान) भी हैं, जिनका गुज्जर बक्करवालों की ओर से गर्मी के दिनों में इस्तेमाल किया जाता है। सर्दी शुरू होते ही वे मैदानी इलाको में चले जाते हैं। इससे यह सभी ढोक खाली पड़े हुए हैं। आशंका है कि आतंकियों की ओर से इन ढोकों का इस्तेमाल छिपने के लिए किया जा सकता होगा।
विपरीत परिस्थितियों में जवान ड्यूटी पर मुस्तैद
हमले के बाद सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों तथा माइनस तापमान के बीच 24 घंटे से अधिक समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। पाला गिरने के साथ ही सड़क पर बर्फ की तरह जम जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
पुंछ में सर्च ऑपरेशन जारी, दहशतगर्दों की
पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के देहरागली के सावनी इलाके में सैन्य वाहनों पर आतंकी हमले के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने गहन तलाशी अभियान चलाया। दहशतगर्दों की तलाश में चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है। देहरागली से बफलियाज मस्तानदरा तक जंगलों में आतंकियों के ठिकाने ढूंढे जा रहे हैं। हालांकि अभी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। प्रतिकूल परिस्थितियों में घने जंगल, इनके बीच दर्जनों नाले, वहां मौजूद दो-चार लोगों के आसानी से छिपने योग्य प्राकृतिक गुफाएं और इन दिनों खाली पड़ीं ढोकों में आतंकियों के छिपे होने की आशंका के बीच सुरक्षा बलों के जवान फूंक-फूंककर कदम रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार देहरागली क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान में लंबा समय लग सकता है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां अब किसी भी सूरत में अपना नुकसान नहीं करवाना चाहतीं। आतंकियों की तलाश में जारी इस अभियान के दूसरे दिन शाम को घने जंगल में आगे बढ़ते हुए सैन्य जवानों ने संदिग्ध ठिकानों पर चार से छह चक्र गोलियां भी बरसाईं हैं। लेकिन आगे से किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया है। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, सर्च ऑपरेशन जारी है।
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