गाडरवारा । नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील के अंतर्गत चावरपाठा ब्लॉक में आने वाली ग्राम पंचायत लिलवानी में तालाब की जमीन में हुए अवैध अतिक्रमण को लेकर एनजीटी की जस्टिस शिवकुमार सिंह एवं एक्सपर्ट मेंबर अरुण कुमार वर्मा की सेंट्रल बैंच ने याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मंच के मनीष शर्मा, पवन कौरव, सज्जाद अली की जनहित याचिका पर नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह को तालाब की जमीन पर हुए 16 अवैध अतिक्रमण को 15 सितंबर तक तोडने के निर्देश जारी किए हैं । अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी । याचिकाकर्ताओं की ओर से इस पूरे मामले की सुनवाई एडवोकेट प्रभात यादव ने की है । याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका 24 फरवरी 2022 को दायर की थी जिसपर एनजीटी ने 11 मार्च को जांच के आदेश दिए थे अब इस मामले में सोमवार 9 मई को एनजीटी ने 20 पेज का आदेश जारी कर पंचायत से पूछा था कि उसने किसकी अनुमति से तालाब की भूमि पर हाईस्कूल, पंचायत भवन, हॉट बाजार, सडक निर्माण का कार्य कर दिया पंचायत व प्रशासन एनजीटी के समक्ष संतोषप्रद जबाब नही दे पाया जिसके बाद 3 अगस्त को सुनवाई करते हुए एनजीटी ने नरसिंहपुर कलेक्टर को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कुल भूमि का सीमांकन कर उसमे हुए समस्त अतिक्रमण को 15 सितंबर तक हटाने व भूमि को खाली कराने का आदेश दिया है वही 15 सितंबर को कार्यवाही की एक्शन टेकिन रिपोर्ट सबमिट करने का भी आदेश दिया है ।
यह था पूरा मामला
लिलवानी ग्राम पंचायत में करीब 9 एकड जमीन तालाब के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है वही कुछ जगह में तालाब भी बना हुआ है जिसे सकरा कर दिया गया था और इसी तालाब की जगह पर जिला पंचायत एवं ग्राम पंचायत लिलवानी द्वारा करोडों की लागत से स्कूल, पंचायत भवन, हॉट बाजार, मार्केट, सडक निर्माण, अन्य निर्माण कर दिए गए है जिनकी लागत करीब 5 करोड है और तालाब को सकरा कर छोटा आकर दे दिया गया है और जहाँ पर ये निर्माण कार्य कराए गए है वहा पर तालाब के पानी भराव की जगह को मिट्टी से भर दिया गया है जिसके बाद बिना पर्यावरण का ध्यान रखे करोडो के निर्माण कार्य शासन द्वारा ही तालाब की जमीन पर करा दिए गए है । वही कुछ आसपास की कैचमेंट एरिया की भूमि पर कुछ आसपास के किसानों का भी कब्जा था। तालाब पर हुए अतिक्रमण को हटाने ये याचिका दायर की गई थी ।
अधिकारियों से हो राशि की वसूली
करीब पांच करोड के निर्माण कार्य तालाब की भूमि पर बिना स्पॉट स्पेक्शन के कैंसे बना दिये गए ये सवाल आज भी खडा हो रहा है वही इतनी बडी गलती के बाद अब कोर्ट के आदेशों से ये बिल्डिंगें जिसमें पंचायत भवन, हॉट बाजार, सडक, शासकीय हाई स्कूल प्रशासन को तोडना पडेगा जो एक बडी क्षति होगी जिसकी वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से की जानी चाहिए । याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अतिक्रमण टूटने के पश्चात वो कोर्ट से मांग करेंगे कि नुकसान की भरपाई अधिकारियों से की जावे एवं प्रशासनिक कार्यवाही भी की जानी चाहिए ।
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