नई दिल्ली। किसान आंदोलन (farmers movement) के लिए अगले 48 घंटे बहुत अहम हैं। इन दो दिनों में दो बड़े घटनाक्रम (two big events) होंगे। एक, सरकार के साथ बातचीत कर रहे किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं (Government’s proposal is not accepted) है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा से लगते पंजाब के शंभू बॉर्डर पर कहा है कि 21 फरवरी की सुबह वे ‘दिल्ली कूच (Delhi Couch)’ के लिए रवाना होंगे। दूसरा, 22 फरवरी यानी गुरुवार को देश का सबसे बड़ा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा ‘एसकेएम’ अपनी अहम बैठक पंजाब में करेगा। इस बैठक में एसकेएम के साथ जुड़े रहे करीब सौ संगठन हिस्सा लेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के महत्वपूर्ण घटक दल रहे जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा का कहना है, एसकेएम इस आंदोलन पर नजर रखे हुए है। मौजूदा समय में विभिन्न किसान संगठन, अपने-अपने स्तर पर आवाज उठा रहे हैं। गुरुवार को एसकेएम की जनरल बॉडी की बैठक, पंजाब में बुलाई गई है। इस बैठक में दक्षिण भारत के किसान संगठन भी पहुंचेंगे, लेकिन उनकी तादाद कम ही रहेगी। उत्तर भारत और खासतौर से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के किसान संगठन, जनरल बॉडी की बैठक में पहुंचेंगे।
बैठक में किसान आंदोलन 2.0 पर चर्चा होगी। अभी तक जो भी कुछ हुआ है, उसका मूल्याकंन होगा। एसकेएम की बैठक में किसान आंदोलन को लेकर आगामी रणनीति तय होगी। एसकेएम, मौजूदा आंदोलन में शामिल होगा या नहीं, बैठक के दौरान इस पर कोई अहम निर्णय लिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को 2021 में जो लिखित आश्वासन दिया था, उस पर काम नहीं कर रही।
किसान आंदोलन 2.0 में एसकेएम शामिल नहीं है। हालांकि उसके कुछ घटक दल आंदोलन में भाग ले रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी संगठन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल, ‘पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति’ के सरवन सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल कर रहे हैं।
इन किसान संगठनों ने सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक ‘दाल, मक्का और कपास’ की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने बुधवार से राष्ट्रीय राजधानी में कूच करने की घोषणा की है। शंभू बॉर्डर पर पंधेर ने कहा, हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए।
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