नई दिल्ली: एसबीआई के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक (PNB) भी अपने पेमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रहा है. अगर आप भी पीएनबी कस्टमर हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) अब पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System- PPS) लागू करने जा रहा है. हालांकि पीएनबी से पहेल भी कई बैंक इसे लागू कर चुके हैं. बैंक ने बताया है कि आने वाली 4 अप्रैल से यह नियम अनिवार्य कर दिया जाएगा. इसके अलावा ऐक्सिस बैंक भी नए वित्त वर्ष से अपने नियमों में बदलाव कर रहा है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
ऐक्सिस बैंक के बदलेंगे नियम
ऐक्सिस बैंक के ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. 1 अप्रैल से बैंक ग्राहकों पर बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा बढ़ने जा रही है. नया नियम लागू होने के बाद बचत खाते में मिनिमम बैलेंस 10 हजार रुपये बढ़कर 12 हजार रुपये हो जाएगा. बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, फ्री कैश ट्रांजेक्शन की सीमा भी बदलकर चार निशुल्क ट्रांजेक्शन या 1.5 लाख रुपये कर दी गई है.
चेक भुगतान से जुड़ा नियम
दरअसल, आरबीआई की तरफ से इस नियम का चेक भुगतान (Cheque payment) के लिए वेरिफिकेशन से जुड़ा है. इस नियम के अनुसार कंफर्मेशन नहीं होने पर चेक वापस भी किया जा सकता है. इससे पहले एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से भी पीपीएस सिस्टम लागू किया जा चुका है.
देनी होगी सभी जानकारी
Punjab National Bank में 4 अप्रैल 2022 से पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) अनिवार्य कर दिया जाएगा. इस नियम के अनुसार अगर आप बैंक ब्रांच या डिजिटल चैनल के जरिये 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा का चेक जारी करते हैं तो PPS कंफर्मेशन जरूरी होगा. इसमें आपको अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक की तारीख, चेक अमाउंट और लाभार्थी का नाम देना होगा. यदि आपने ये जानकारी नहीं दी तो आपका चेक वापस हो जाएगा.
जानिए क्या है PPS सिस्टम?
PPS सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जिसे फ्रॉड रोकने के लिए बनाया गया है. इस सिस्टम के तहत अकाउंट होल्डर को चेक जारी करने पर बैंक को पूरी डिटेल देनी होगी. इन जानकारियों में SMS, नेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रिकली चेक की डेट, बेनेफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर और अमाउंट की जानकारी शामिल है. इससे क्लियरेंस में कम समय लगेगा.
कैसे काम करता है PPS?
इस सिस्टम के तहत चेक जारी करने वाले को SMS, मोबाइल एप, नेट बैंकिंग या ATM से बैंक को चेक की डिटेल देनी होगी. जब चेक बैंक की टेबल पर पहुंचेगा तो अकाउंट होल्डर की तरफ से दी गई जानकारी को क्रॉस चेक किया जाएगा. अगर इसमें गड़बड़ी पाई गई तो चेक रिजेक्ट कर दिया जाएगा. दरअसल, इसे बैंक के फर्जीवाड़े ओ रोकने के लिए बनाया गया है.
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