वाशिंगटन। अमेरिकी (America) सीनेट ने रोजगार के आधार पर जारी किए जाने वाले प्रवासी वीजा पर देशों के अनुसार लगी सीमा को खत्म करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इस बिल के कानून बनने के बाद परिवार के आधार पर वीजा जारी किए जाएंगे। इस कानून से उन हजारों भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा जो कई वर्षों से ग्रीन कार्ड (greencard) का इंतजार कर रहे हैं।
इस बिल के पास होने से हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट एक्ट का रास्ता साफ हो गया है। यह एच-1बी वीजा पर अमेरिका आने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है। ये पेशेवर दशकों से अमेरिका का स्थाई निवासी बनने के लिए ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे थे।
मूल बिल को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 10 जुलाई 2019 को पास किया था। इसे रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली ने सीनेट में यूटा से प्रायोजित किया था। इस बिल के पास होने से परिवार आधारित प्रवासी वीजा पर लगी लिमिट बढ़ जाएगी।
मौजूदा समय में किसी भी देश को कुल 15 फीसदी वीजा जारी किए जाते हैं। इसमें से 7 फीसदी वीजा परिवार के आधार पर जारी किए जाते हैं। इसके अलावा इस बिल से रोजगार के आधार पर दिए जाने वाली वीजा पर लगी 7 फीसदी की सीमा भी हट जाएगी।
भारतीयों का ग्रीनकार्ड बैकलॉग 195 वर्ष से अधिक
सीनेटर माइक ली ने जुलाई में सीनेट को जानकारी दी कि ग्रीन कार्ड पाने के लिए किसी भी भारतीय नागरिक का बैकलॉग 195 वर्ष से अधिक है। यानी उसे उसकी उम्र से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। बता दें कि वित्त वर्ष 2019 में भारतीय नागरिकों को 9,008 श्रेणी1 (ईबी1), 2908 श्रेणी 2(ईबी2), और 5,083 श्रेणी 3 (ईबी3) ग्रीन कार्ड ही प्राप्त हुए। (ईबी3) रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड की विभिन्न श्रेणियां हैं।
कुशल आव्रजकों को समान अवसर
सीनेटर केविन क्रैमर ने कहा कि ‘फेयरनेस फॉर हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट’ अधिक योग्यता-आधारित प्रणाली बनाता है जो दक्ष आव्रजकों को समान अवसर प्रदान करता है। क्रैमर ने यह सुनिश्चित करने का काम किया कि विधेयक धोखाधड़ी और वीजा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने वाला हो।
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