नई दिल्ली: क्रेडिट रेटिंग ऐंजेसी फिच ने शुक्रवार को अडानी मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है. फिच ने कहा है कि अडानी ग्रुप के कंपनियों की रेटिंग पर कोई खास असर नहीं है. एजेंसी ने बयान जारी करते हुए बताया है कि उसने पूरे हालात पर नजर बना रखी है.
फिच रेटिंग्स ने कहा है कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद अडानी की इकाइयों और उनकी सिक्योरिटीज की रेटिंग्स पर तुरंत कोई असर नहीं पड़ा है. इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी ग्रुप ने पिछले कुछ दशकों में शेयर बाजार में हेरफेर और अकाउंटिंग से जुड़ा फ्रॉड किया है. हालांकि, इसके बाद अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया था.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या आरोप था?
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निकट अवधि में कोई रि-फाइनेंसिंग से जुड़ा रिस्क या लिक्विडिटी का जोखिम नहीं है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें हेरफेर का आरोप लगाया गया था. इसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर और बॉन्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी.
फिच ने कहा कि वे अडानी ग्रुप की कंपनियों की निगरानी कर रहा है. उसने कहा कि वे रेटेड इकाइयों की लंबी अवधि में फाइनेंसिंग की लागत में किसी बड़े बदलाव पर करीबी से नजर रखे हुए है. इसके अलावा रेगुलेटरी या कानूनी मामलों या ESG संबंधी मामलों से भी क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ सकता है.
फिच की अडानी की कंपनियों को क्या है रेटिंग?
फिच ने मौजूदा समय में अडानी ग्रुप की आठ इकाइयों को रेटिंग दी हुई है. अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को फिच ने BBB-/स्टेबल रेटिंग दे रखी है. अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड को BBB- मिली हुई है. वहीं, फिच की अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड को दी गई रेटिंग मौजूदा समय में BBB-/ स्टेबल है. दूसरी तरफ, अडानी ट्रांसमिशन रिस्ट्रिक्टिड ग्रुप 1 को ATL RG1, BBB-/स्टेबल रेटिंग मिली हुई है. अडानी ग्रीन रिस्ट्रिक्टिड ग्रुप 2 को फिच की ओर से BBB-/स्टेबल रेटिंग मिली है.
AGEL RG1 और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को फिच की रेटिंग BB+/स्टेबल है. रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ा उतार-चढ़ाव जारी है. अडानी ग्रुप ने अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) को रद्द करने का फैसला किया था, जो फुली सब्सक्राइब्ड था. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ा नुकसान देखने को मिल रहा है. ग्रुप की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंताएं पैदा हुईं हैं. हालांकि, अजानी ग्रुप ने इन्हें निराधार बताया है.
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