रात 3 बजे पुलिस अमला मौके पर पहुंचा, लोहार थे, रैन बसेरे में जाने से किया इनकार
इन्दौर। नगर निगम के अमले द्वारा पशुओं की तरह ट्रकों में भरकर बुजुर्गों को शिप्रा क्षेत्र में ले जाए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बीती रात कडक़ड़ाती ठंड में दस बुजुर्गों को नायता मुंडला क्षेत्र में छोड़े जाने की खबर मिलने के बाद प्रशासन और निगम के अधिकारी सकते में आ गए। ताबड़तोड़ मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने देखा कि कुछ बुजुर्ग सडक़ किनारे डेरा जमाए बैठे हुए थे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें रैन बसेरे भेजे जाने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार रात 3 बजे के करीब एडीजी योगेश देशमुख को खबर मिली थी कि नायता मुंडला में कोई अज्ञात लोग गाडिय़ों में भरकर 10 बुजुर्गों को कडक़ड़ाती ठंड में छोड़ भागे हैं। इस पर उन्होंने निगम अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को मौके पर जाने के निर्देश दिए। इस दौरान गश्त पर निकले सीएसपी कोतवाली हरीश मोटवानी भी वहां पहुंच गए थे। उन्होंने वहां देखा तो माजरा दूसरा ही निकला। दरअसल पिछले तीन दिनों से मंदसौर और खरगोन के लोहार जाति के लोगों ने नायता मुंडला में सडक़ किनारे अस्थायी डेरा जमा रखा था। वहां पहुंचे पुलिस और निगम के अधिकारियों ने जब उन्हें वृद्धाश्रम और रैन बसेरे में चलने को कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि हम अपने घरों को चले जाएंगे। अभी भी इन लोगों ने वहीं डेरा जमा रखा है। पुलिस तेजाजी नगर ने संबंधित लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है। पांच दिन पूर्व निगम के अमले ने बुजुर्ग भिखारियों को शिप्रा क्षेत्र में छोडऩे का प्रयास किया था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था और एक अधिकारी का निलंबन और दो कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के बाद पूरे प्रदेश में सतर्कता बरती जा रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved