भोपाल। नए साल 2023 का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और अश्विनी नक्षत्र के साथ होने जा रहा है। नववर्ष की शुरुआत में तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं। इस दिन मकर राशि में शनि, बुध और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ग्रहों और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति साल की शुरुआत में लोगों को ऊर्जावान बनाएगी। नववर्ष में दो सूर्यग्रहण व दो चंद्रग्रहण पड़ेंगे। हिन्दू वर्ष में इस बार मलमास सहित सावन के दो माह मिलाकर कुल 13 महीने होंगे।
ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे ने बताया कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रेल, गुरुवार को लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार को लगेगा। यह ग्रहण भारत के अलावा पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई शुक्रवार को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर रविवार को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
162 सर्वार्थ सिद्धि योग
नव वर्ष में सर्वार्थ सिद्धि योग सबसे ज्यादा जनवरी में 16 बार बनेगा, वर्ष 2023 में कुल 162 सर्वार्थ सिद्धि योग होंगे। इसके अलावा, 143 रवि योग, 33 अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बनेगा। 14 पुष्य योग (नक्षत्र) होंगे। मार्च और दिसंबर के महीने में दो बार पुष्य योग बनेगा। सबसे ज्यादा रवि योग मार्च, अप्रेल, जुलाई और दिसंबर में 14-14 बार बनेंगे। वहीं, सर्वाधिक अमृत सिद्धि योग अप्रेल में छह बार रहेगा।
13 माह का होगा इस बार हिन्दू वर्ष
2023 में ही पडऩे वाला हिन्दू वर्ष विक्रम संवत 2080 मलमास वाला साल होगा और सावन माह दो माह का रहेगा। 19 साल बाद ये संयोग फिर से लौट रहा है जब सावन दो महीने का होगा। हर तीन साल पर एक अतिरिक्त मास होता है जिसे अधिकमास या मलमास के नाम से जानते हैं। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। श्रावण मास के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए उस दौरान पूजा-अर्चना करने से भगवान हरि के साथ ही भोलेनाथ की कृपा बरसेगी।
वर्ष 2023 में विवाह के हैं 63 शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि वर्ष 2023 में विवाह के कुल 63 शुभ मुहूर्त हैं। जनवरी में 15, 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30 और 31 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 6, 7, 8, 9, 10, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 22, 23 और 28 फरवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। मार्च में विवाह मुहूर्त 1, 5, 6, 9, 11 और 13 को हैं। अप्रेल में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। जबकि 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29 और 30 मई को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26 और 27 जून को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है। देवोत्थानी एकादशी के बाद 23, 24, 27, 28 और 29 नवंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। वहीं 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे।
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