नई दिल्ली। नए वेज कोड के नियमों के लागू होने के बाद कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर, PF, काम के घंटों और वीकली ऑफ तक में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. सरकार का कहना है कि नए रूल्स में कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है.
नए वेज कोड को लेकर आजकल मीडिया (Media )रिपोर्ट्स में काफी चर्चा है. हालांकि इसे 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण नियम लागू नहीं किये गए, इसके बाद फिर उम्मीद की जाने लगी कि इसे जुलाई से लागू किया जा सकता है, लेकिन ज़ी न्यूज को मिली खबर के मुताबिक इसका अक्टूबर से पहले लागू होना मुश्किल है. क्योंकि राज्यों ने अबतक ड्राफ्ट रूल्स तैयार नही किए हैं.
कर्मचारियों के लिए नए वेज कोड में क्या
नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा. उनकी सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे. हम आपको बताने जा रहे हैं नए वेज कोड के कुछ ऐसे प्रावधान जिनके लागू होने के बाद आपकी जिंदगी में काफी बदलाव आएगा.
1. सैलरी स्ट्रक्चर बदल जाएगा
नए वेज कोड के नियमों के लागू होने के बाद कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा, उनकी Take Home Salary में कमी आ सकती है. क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
2. PF, ग्रेच्युटी बढ़ जाएगी
इसका असर ये होगा कि Basic Pay बढ़ने से कर्मचारियों का PF ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. पीएफ के साथ-साथ ग्रैच्युटी (Monthly Gratuity) में भी योगदान बढ़ जाएगा. यानी टेक होम सैलरी जरूर घटेगी लेकिन कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ज्यादा रकम मिलेगी. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा. सैलरी और बोनस से जुड़े नियम बदलेंगे और हर इंडस्ट्री और सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी.
3. साल की छुट्टियां बढ़कर 300 हो सकती हैं
इसके अलावा कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) छुट्टियां बढ़कर 300 हो सकती है. बीते दिनों लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी. जिसमें कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जानें की मांग की गई थी. हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
4. काम के घंटे बढ़ेंगे तो, वीकली ऑफ भी बढ़ेगा
नए वेज कोड के बारे में कहा जा रहा है कि काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे. हालांकि इस पर सरकार की तरफ से काफी पहले ही सफाई दी जा चुकी है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे. इस पर सरकार ने सफाई दी कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी. अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी. अगर काम के घंटे बढ़ते हैं तो का के दिन भी 6 की बजाय 5 या 4 ही होंगे. इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है.
5. वर्कर्स के लिए मिनिमम वेज लागू होगा
पहली बार देश के सभी तरह के वर्कर्स को मिनिमम वेज यानी न्यूनतम तनख्वाह मिलेगी. प्रवासी मजदूरों के लिए नई स्कीम्स लाई जा रही हैं. सभी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड (provident fund) की सुविधा दी जाएगी. संगठित और असगंठित सेक्टर के सभी कर्मचारियों को ESI का कवरेज मिलेगा. महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी, उन्हें नाइट शिफ्ट करने की भी मंजूरी मिलेगी.
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