अरविंदो अस्पताल में हुआ जिनोम सिक्वेसिंग
इंदौर। शहर में हाल ही में कोरोना ग्रसित हुए एक मरीज की अरबिंदो मेडिकल कालेज में जिनोम सीक्वेंसिंग किए जाने पर एक नए वेरिएंट का पता चला है। वैसे तो अब तक देश में कोरोना के जेएन-1 वेरिएंट की पुष्टि हुई थी, लेकिन इंदौर में मिले इस मरीज में बीए 2.86 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इस नए वेरिएंट में अधिक म्यूटेशन की क्षमता है, लेकिन सीनियर साइंटिस्ट का कहना है कि इससे ज्यादा खतरा नहीं है और मरीज में कोई गंभीर लक्षण नहीं होते हैं।
तीन दिन पहले अरबिंदो हास्पिटल में दाखिल हुए 52 वर्षीय कोरोना पेशेंट डॉ. ओए रिजवी में मौजूद वेरिएंट की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई। अरबिंदो मेडिकल कालेज के अनुसार इस मरीज में पाया गया बीए 2.86 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक अंग है। हालांकि मरीज सामान्य लक्षण के चलते अस्पताल में दाखिल हुआ था। लगातार बुखार आने और सर्दी-जुकाम नहीं जाने के चलते जब मरीज की जांच कराई गई तो उसे कोरोना ग्रसित पाया गया और उसके बाद वेरिएंट की जांच कराई गई।
36 घंटे में वेरिएंट का पता लगाया
अरबिंदो मेडिकल कालेज के डॉ. महक भंडारी ने बताया कि इंदौर के शासकीय मेडिकल कालेज में जिनोम सीक्वेंसिंग की मशीन लगाई गई थी, लेकिन यह मशीन ही शुरू नहीं हो सकी और वेरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल भोपाल भेजे जाने लगे, जहां से जांच रिपोर्ट 15 दिन में आ रही है, लेकिन अरबिंदो मेडिकल कालेज ने मात्र 36 घंटे में वेरिएंट का पता लगा लिया।
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