इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इंदौर से बुधनी (Indore to Budhni) के बीच बिछने वाली रेलवे लाइन को लेकर रेलवे लगातार काम कर रहा है. दरअसल, रेलवे लाइन (Railway Line) बिछाने के मामले में भूमि अधिगृहण का मामला सबसे ज्यादा पेंचीदा है. गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव ने सीहोर-इंदौर (Sehore -Indore) समेत कुछ जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कर प्रोजेक्ट की जानकारी ली है. जिसमें कलेक्टरों ने बताया कि रेलवे लाइन बिछाने को लेकर जमीन अधिग्रहण के जो मुद्दे थे उन पर कार्रवाई हो चुकी है और रेलवे को भी इसकी जानकारी भेज दी गई है.
बता दें कि इंदौर से बुधनी के बीच बिछाई जाने वाली रेलवे लाइन को लेकर सबसे ज्यादा समस्या जमीन अधिग्रहण की बन रही है, जिसके चलते यह प्रोजेक्ट अब तक शुरू नहीं हो पाया है, जबकि रेलवे और प्रदेश की तरफ से इसकों मंजूरी मिल चुकी है. रेलवे को इंदौर से बुधनी के लिए नई रेलवे लाइन बनाने की घोषणा किए हुए बहुत समय हो चुका है, लेकिन जमीन अधिगृहण को लेकर फिलहाल किसानों और प्रशासन के बीच मामला फंस जाता है. क्योंकि कुछ जिलों के किसानों ने जमीन अधिगृहण को लेकर विरोध जताया है. बताया जा रहा है कि अभी भी कुछ जिलों में किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है.
बताया जा रहा है कि इंदौर से बुधनी के बीच रेलवे लाइन के लिए जैसे ही जमीन अधिगृहण की प्रक्रिया पूरी होती है तो फिर भारतीय रेलवे की तरफ से लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. क्योंकि इस प्रोजेक्ट की घोषणा बहुत पहले हो चुकी है और इस पर काम करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो सकती है.
इंदौर से बुधनी के बीच रेलवे लाइन का पूरा होने से सबसे ज्यादा फायदा इंदौर और जबलपुर के लोगों को होगा, क्योंकि इंदौर और जबलपुर के बीच 150 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत भी होगी. इसके अलावा इंदौर और जबलपुर के बीच व्यापारिक तौर पर भी यह रेलवे लाइन फायदेमंद साबित होगी. बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट का काम पूरा होते ही यही से रेल सुविधा शुरू होगी, इसके अलावा इस प्रोजेक्ट से बुधनी, होशंगाबाद समेत कई जिलों के यात्रियों को भी फायदा होगा.
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