नई दिल्ली: अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीर के लिए क्राइटेरिया को पहले के मुकाबले सरल किया गया है. पूर्व में इसे सामान्य सैनिकों की भर्ती संबंधी योग्यता के मुकाबले कुछ कठिन रखा गया था, हालांकि अब यह क्राइटेरिया एक जैसा कर दिया गया है. सेना ने इस संबंध में नई नीति जारी की है.
हालांकि नई नीति जारी होने से पहले ही अग्निवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी-अपनी यूनिट्स में आ गया है. इन सब के पहले साल की योग्यता का आकलन पुरानी पॉलिसी यानी टफ क्राइटेरिया के हिसाब से ही किया गया है. अग्निवीर का आकलन पहले साल ट्रेनिंग सेंटर में और फिर तीन साल यूनिट में होना है.
रेगुलर सैनिक के लिए 5000 फीट की ऊंचाई तक में 5 किलोमीटर की दौड़ 25 से 28 मिनट में पूरा करना होता है. वहीं अग्निवीर यह दौड़ 23 मिनट में पूरी करने पर सुपर एक्सिलेंट की श्रेणी में आते हैं. वहीं, रेगुलर सैनिक अगर 25 मिनट या उससे कम समय में भी दौड़ पूरी करते हैं तो वे एक्सिलेंट ही होंगे. यहां 23 मिनट में दौड़ पूरी करने की कोई श्रेणी ही नहीं है.
गौरतलब है कि अग्निवीर सैनिकों का एक पूरा बैच सुपर एक्सिलेंट क्राइटेरिया से ही यूनिट तक पहुंचा है. यानी एक साल की उनकी मार्किंग हो चुकी है. हालांकि सेना के एक अधिकारी ने कहा कि फाइनल मार्किंग में इसे ठीक कर लिया जाएगा.
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