मुंबईः शिवसेना नेता संजय राउत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पात्रा चाॅल भूमि घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दौरान उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है. उनके खिलाफ यह शिकायत महिला गवाह को धमकाने के आरोप में दर्ज की गई है. इससे पहले ईडी ने रविवार सुबह संजय राउत के आवास पर छापेमारी की थी, जिसके बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
मुंबई पुलिस ने धन शोधन के एक मामले में एक गवाह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर कथित तौर पर एक महिला का शील भंग करने के आरोप में शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ रविवार को प्राथमिकी दर्ज की. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार रात को बताया कि गवाह स्वप्ना पाटकर ने शिवसेना राज्यसभा सांसद राउत के खिलाफ वकोला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
Mumbai City Police register FIR against Shiv Sena MP Sanjay Raut on the charge of insulting the modesty of woman. She is a witness in a money laundering case being probed by the Enforcement Directorate. The woman alleges that she was given rape and murder threat in a typed paper
— Press Trust of India (@PTI_News) July 31, 2022
संजय राउत के खिलाफ भूमि घोटाले की गवाह ने दर्ज कराया केस
अधिकारी ने बताया कि स्वप्ना पाटकर ने हाल में पुलिस का रुख करते हुए दावा किया था कि उसे टाइप किए गए एक पत्र में दुष्कर्म और हत्या की धमकी दी गई थी. यह पत्र 15 जुलाई को उसे दिए एक अखबार में रखा हुआ था. अधिकारी के मुताबिक, पाटकर ने रविवार को पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया, जिसके बाद उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई है. कथित तौर पर स्वप्ना पाटकर को धमकाने के लिए संजय राउत के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 504, 506 और 509 के तहत वकोला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. पाटकर पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में गवाह हैं, जिसमें ईडी ने संजय राउत को गिरफ्तार किया है.
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे संजय राउत, इसलिए हुई गिरफ्तारी
इधर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि संजय राउत को दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट में ईडी के मंडल कार्यालय में 6 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना नेता को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत रविवार देर रात 12 बजकर 5 मिनट पर हिरासत में लिया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. इससे पहले संजय राउत 1 जुलाई को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे. अगले दौर की पूछताछ के लिए वह कई बार समन भेजे जाने के बाद भी यह कहकर उपस्थित नहीं हुए थे कि 12 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चल रहा है, जिसके कारण वह व्यस्त हैं.
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