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बिहार में शुरू हुआ राजनीति का नया ट्रेंड, दूसरी पार्टियों से अपने बच्चों को टिकट दिलवा रहे दिग्गज

April 07, 2024

पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर अब एनडीए और महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों गठबंधनों के नेता अब ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं तो प्रत्याशी जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। इस बीच बिहार में चुनाव लड़ने को लेकर एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है।

बिहार की राजनीति में अकोमोडेशन पॉलिटिक्स देखने को मिल रही है। अकोमोडेशन पॉलिटिक्स का मतलब लोकतंत्र में अलग-अलग विचार रखने वाले लोगों या समूहों के बीच समझौता है। इस समझौते के तहत राजनेता किसी दल में रहते हैं लेकिन अपने करीबियों को दूसरे दल से टिकट दिलवा देते हैं।

बिहार में लोकसभा चुनाव दो बड़े गठबंधनों के बीच हो रहा है। इस बीच कई दिग्ग्ज नेता अपने बच्चों को सहयोगी पार्टी से टिकट दिलवा रहे हैं। ताजा उदाहरण शांभवी चौधरी, आकाश सिंह और सन्नी हजारी का है। शांभवी चौधरी समस्तीपुर से चुनाव लड़ रही हैं। इसी सीट से सन्नी हजारी के चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। वहीं, आकाश सिंह के मोतिहारी से चुनाव लड़ने की चर्चा है।

जेडीयू नेता की बेटी को लोजपा का टिकट
शांभवी चौधरी जीडेयू के दिग्ग्ज नेता अशोक चौधरी की बेटी हैं। उनकी शादी पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल के बेटे शायन कुणाल से हुई है। शांभवी चौधरी को चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने टिकट दिया है। शांभवी को चुनाव में जीत दिलाने के लिए अशोक चौधरी ने कमर कस ली है।

शांभवी को टिकट देने को लेकर चिराग पासवान की काफी आलोचना भी हुई है। उन पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगा है। चिराग पासवान को सीएम नीतीश की आलोचना करने के लिए भी जाना जाता है। ऐसे में नीतीश की करीबी की बेटी को टिकट देना कईयों को पच नहीं रहा है।


सन्नी हजारी को मिल सकता है सिंबल
समस्तीपुर से शांभवी का मुकाबला जेडीयू के ही एक अन्य मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र से हो सकता है। मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है। जानकारी के मुताबिक सन्नी हजारी बिहार में समस्तीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट ही नहीं मिल पाया।

आपको बता दें कि महेश्वर हजारी, चिराग पासवान के पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान के अपने मौसेरे भाई हैं। ऐसा माना गया कि चिराग ने इस सीट पर एक भाई से सीट छीन कर दूसरे दूर के भाई को टिकट नहीं देना चाहते थे।

ऐसी चर्चा है कि जेडीयू मंत्री महेश्वर हजारी को पहले से ही इस बात का आभास था यही वजह है कि वो लंबे समय से लालू प्रसाद यादव के संपर्क में थे। लालू की बदौलत ही उनके पुत्र सन्नी हजारी को समस्तीपुर लोकसभा से टिकट मिलना मुमकिन हो सका है। अब माना जा रहा है कि सन्नी हजारी को समस्तीपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाएगी।

धर्मसंकट में महेश्वर हजारी
अब महेश्वर हजारी के लिए धर्म संकट जैसी स्थिति होगी एक ओर उन्हें दल के प्रति निष्ठा दिखानी होगी तो दूसरी तरफ पुत्र का राजनीतिक भविष्य दांव पर होगा। इसके साथ ही एक और दिलस्प चीज है ये है कि सन्नी को टिकट मिलने की स्थिति में एक ही सीट पर नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाएगी।

आकाश सिंह भी रेस में
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी अपने पुत्र को टिकट दिलवाना चाहते हैं। अखिलेश सिंह और लालू यादव की करीबी जगह जाहिर है। दोनों मिलकर एक दूसरे के प्रतिद्वंदियों को ठिकाने लगाने के लिए जाने जाते हैं। अब कहा जा रहा है कि पप्पू यादव को साइडलाइन करने का ईनाम अखिलेश सिंह के बेटे को टिकट के रूप में मिल सकता है।

आकाश सिंह मुकेश सहनी की पार्टी के टिकट पर मोतिहारी से उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि इससे पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश सिंह ने अपने पुत्र को रालोसपा से टिकट दिलवाया था।

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