नई दिल्ली: सड़क परिवहन (Road Transport) और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Highways) सड़क हादसों (Road Accident) पर रोक लगाने के लिए जल्द ही नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी (New transport policy) लाने वाला है. ये पॉलिसी हल्के और हैवी वाहनों पर अलग-अलग होगी. जिसमें सीट बेल्ट और सीट बेल्ट अलार्म को अनिवार्य किया जाएगा. इसके साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय हाईवे के डेड पॉइंट, स्पीड ब्रेकर और खराब डिजाइन में सुधार करेगा. जिसके बाद हाईवे पर होने वाले हादसों में कमी आएगी. आइए जानते हैं नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी में क्या कुछ बदलने वाला है.
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन नीति में अगले दो साल में दो अहम बदलाव लागू होंगे. 2025 से हल्के निजी व सार्वजनिक वाहनों के लिए नए मानक तय होंगे. 2026 से भारी वाहनों के लिए नए नियम प्रभावी होंगे. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च 2025 के बाद बने हल्के वाहनों में फ्रंट और बैक सीट के लिए बेल्ट अलार्म सिस्टम जरूरी होगा. पिछली सीटों पर बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है और इसका उल्लंघन करने पर 1,000 रुपए के चालान का प्रावधान है लेकिन अभी सभी वाहनों में अलार्म सिस्टम इन बिल्ट नहीं है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क इंजीनियरिंग की खामियों को भी अगले दो साल में दूर किया जाएगा. ज्यादातर दुर्घटनाओं के लिए सड़क बनाने से पहले डीपीआर में खामियां नोटिस की गई हैं. इसमें मोड़ पर शार्प टर्न, स्पीड कम करने जैसे अवरोधक, खराब निर्माण सामग्री, मर्जिंग लेन जैसी दर्जनों कमियां चिह्नित हो रही हैं. जो राजमार्ग बन चुके हैं, उनकी डिजाइन ठीक की जाएगी.
2026 से सीट बेल्ट अलार्म सिस्टम भारी वाहनों पर भी लागू होगा. इनमें बस, ट्रेवलर व मिनी बस सभी शामिल होंगे. हर सीट पर बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा.
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