नई दिल्ली। कोरोना वायरस की ‘दूसरी लहर’ (Second Wave) का कहर जारी है। फिलहाल देशवासियों के मन में डबल म्यूटेंट (Double Mutant) और ब्रिटेन, ब्राजील समेत अन्य देशों से आए वैरिएंट चिंता का विषय बने हुए थे, लेकिन अब कोरोना के एक नए स्वरूप B.1.618 या ट्रिपल म्यूटेंट ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह वैरिएंट पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर देखा जा रहा है। जानकार संभावना जताते हैं कि वायरस का यह प्रकार अन्य रूपों की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। जानकार फिलहाल इसके बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
डबल म्यूटेंट के बाद ट्रिपल म्यूटेंट बना मुसीबत!
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, वायरस के इस प्रकार की जानकारी नाम में ही है। कहा जा रहा है कि इसमें वायरस के तीन म्यूटेशन शामिल हैं। ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को भारत में पहचान में आई SARS-CoV-2 की दूसरी लाइनेज कहा जा सकता है। इसे B.1.618 कहा जा रहा है और यह ज्यादातर पश्चिम बंगाल में फैल रहा है।
दूसरे वैरिएंट से हो सकता है ज्यादा खतरनाक
कोरोना वायरस का यह प्रकार कितना खतरनाक है, इस बात की सही जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि यह दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में डॉक्टर मधुकर पई ने कहा था ‘यह और ज्यादा तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। यह लोगों को जल्दी बीमार बना रहा है।’
वैक्सीन पर क्या होगा असर?
इस वैरिएंट के मिलने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही सामने आया कि इसका वैक्सीन कार्यक्रम पर क्या असर होगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक्सपर्ट्स इस बात पर चिंता जताते हैं कि इसका असर वैक्सीन की प्रभावकारिता पर पड़ सकता है। क्योंकि नए वायरस में बड़ा म्यूटेशन है, जिसे E484K कहा जाता है। कहा जाता है कि यह इम्यून सिस्टम से बचकर निकलने में मदद करता है। इससे पहले E484K ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट्स में पाया गया था। हालांकि, कई जानकार इसपर अभी अधिक प्रयोग किए जाने की बात कहते हैं।
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