वाशिंगटन (Washington)। पाकिस्तान (Pakistan) में एक नया आतंकी संगठन (New terrorist organization) तहरीक-ए-तालिबान(टीटीपी) (Tehreek-e-Taliban (TTP) काफी समय से सक्रिय है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (UN report) के अनुसार, 2023 के मध्य में टीटीपी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में एक नया बेस स्थापित किया था। इस बेस में आतंकवादी समूह से जुड़े 60 से अधिक व्यक्तियों को आत्मघाती हमलावरों के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति को सौंपी गई 33वीं रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी को अलकायदा की ओर से सहयोग की बात सामने आई है। यह रिपोर्ट आईएसआईएल (दाइश) और अलकायदा-तालिबान निगरानी टीम द्वारा यूएन को सौंपी गई थी। इसमें दावा किया गया है कि अलकायदा और कुछ अन्य आतंकी समूह द्वारा टीटीपी को और अधिक मजबूत और प्रोत्साहित किया गया है। उन्हें न केवल हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं बल्कि पाकिस्तान में उन्हें अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जमीनी समर्थन भी दे रहे हैं। इससे युद्धाभ्यास के लिए व्यापक स्वायत्तता के साथ हमले भी बढ़ रहे हैं।
अफगान तालिबान से संबंधों में खटास
पाकिस्तान में आए दिन हो रहे इन हमलों के जिम्मेदार प्रतिबंधित आतंकी संगठन पर एक्शन न ले पाने पर पाकिस्तान ने कई बार अपनी निराशा व्यक्त की है। इतना ही नहीं पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अफगान तालिबान के बीच संबंधों में खटास इसी वजह से देखने को मिलती रही है। पाकिस्तान के अनुसार अफगानिस्तान द्वारा टीटीपी के खिलाफ कोई भी सक्रिय कदम न उठा पाना उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
आतंकियों के परिवार को अफगान तालिबान दे रहा मदद
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यूं तो अफगान तालिबान द्वारा टीटीपी की गतिविधियों पर रुख कड़ा किया जा रहा है। बावजूद इसके आतंकी संगठन अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान पर हमला करने से पीछे नहीं हट रहा है। इतना ही नहीं कुछ तालिबानी सदस्यों को तो इस संगठन में शामिल पाया गया है, जिससे इन आतंकियों के हौंसले और बुलंद हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अफगान तालिबान टीटीपी सदस्यों के परिजनों को भी सहायता पैकेज दे रहा है, जिससे साफ जाहिर होता है उन्हें गहरा समर्थन दिया जा रहा है।
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