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    पाकिस्तान और चीन के होश उड़ाने आया नया तेजस, बना पहले से बना अधिक घातक

  • April 27, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । नियंत्रण रेखा हो या फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा, दोनों ही सीमाओं पर दुश्मन देशों की चुनौती बनी रहती है। एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) है तो दूसरी तरफ चीन। हालांकि, भारतीय सेना (Indian Army) मुस्तैदी से दोनों देशों की नापाक कोशिशों को विफल करती रहती है। भारत (India) ने हाल के दिनों में जमीन से लेकर आसमान तक में अपनी क्षमता का विस्तार किया है। विदेशों से घातक हथियारों और विमानों की खरीद के साथ-साथ स्वदेशी तकनीक में भी इजाफा हुआ है। इसी प्रक्रिया में हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा तैयार किए जा रहे तेजस के नए संस्करण मार्क-2 की मारक क्षमता में इजाफा किया गया है।

    यह लड़ाकू विमान अब 6.5 टन वजन ले जाने में सक्षम होगा। अभी विमान की क्षमता महज 3.5 टन भार ले जाने की है। नई क्षमता के चलते विमान में दूर तक मार करने वाली मिसाइलें लगाना संभव होगा। नए तेजस को इस कदर घातक बनाया गया है कि पाकिस्तान भी कांप उठेगा।

    एचएएल के अनुसार, तेजस मार्क-2 के चार प्रोटोटाइप करीब-करीब तैयार हो चुके हैं और अगले कुछ दिनों में इनका परीक्षण आरंभ किया जा सकता है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पिछले साल ही इसकी उड़ान होनी थी लेकिन इसमें थोड़ा विलंब हुआ है। सेना के सूत्रों ने बताया, तेजस के नये संस्करण को ज्यादा मारक बनाने के लिए सबसे बड़ा सुधार इसकी पेलोड क्षमता में किया गया गया है जो करीब-करीब दोगुनी कर दी गई है। बता दें कि वायुसेना लड़ाकू विमानों की कमी दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर तेजस की खरीद करने जा रही है। मार्क-2 के लिए 83 विमानों की खरीद की योजना पहले ही बनाई जा चुकी है। नौसेना के लिए तेजस का नया संस्करण तैयार किया जा रहा है। कई देशों ने तेजस में दिलचस्पी दिखाई है।


    सीमा पर स्वदेशी हथियार भारत की नई ताकत
    स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की ताकत बढ़ाने की तैयारी है। वहीं दूसरी ओर स्वदेशी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) एमके-1ए और एमके-2 वायुसेना और नौसेना की ताकत बनेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार अगले कुछ वर्षों में वायुसेना के बेड़े में कुल 114 स्वदेशी एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। एएमसीए 5.5 जनरेशन वाला ट्विन इंजन लड़ाकू विमान है, जो दुर्गम हालात में ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। एलसीए एमके-2 मिराज 2000 और जगुआर की जगह लेगा।

    1. दुश्मन के लिए घातक होगी ब्रह्मोस मिसाइल
    सेना की ताकत बढ़ाने के लिए ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल के साथ आकाश मिसाइल की ताकत बढ़ाने का काम चल रहा है। 5.6 मीटर लंबी आकाश मिसाइल की मारक क्षमता तीन हजार किलोमीटर प्रति घंटा करनी है। ब्रह्मोस मिसाइल को और विध्वंसक बनाने का काम जारी है। ध्वनि की तीन गुना गति से अधिक इसकी गति करने का लक्ष्य है। सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइल 500 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है। पहले ये 290 किलोमीटर था।

    2. एलसीएच प्रचंड : आसमान से मिसाइल दागने में सक्षम
    स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड 21,500 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने के साथ मिसाइल दाग सकता है। दो इंजन से लैस चॉपर का वजन 5.8 टन है। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा तैयार हेलीकॉप्टर एमआई25 और एमाई 35 की तुलना में अधिक भारी हथियार लेकर उड़ सकता है। तीन अक्तूबर को वायुसेना के बेड़े में चार एलसीएच शामिल हुए थे। 65 प्रचंड हेलीकॉप्टर वायुसेना और 97 थल सेना को दिए जाएंगे।

    3. एटीएजीएस: 15 सेकंड में तीन राउंड फायरिंग
    एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम 155 एमएम की तोप जैसी आधुनिक आर्टिलरी बंदूक है। 2013 से निर्माण चल रहा है और दो बार परीक्षण हो चुका है। 48 किलोमीटर तक मार करने वाले इस हथियार में 6875 एमएम का बैरल है। ऑटोमेटिक कमांड सिस्टम से लैस इस हथियार में नाइट विजन मोड भी है जो छिपे हुए दुश्मन को ढूंढ निकालेगा। ब्रस्ट मोड में 15 सेकंड में तीन राउंड फायर कर सकता है। इसे चलाने के लिए छह से आठ सैनिकों की जरूरत होगी।

    4. आईएनएस विक्रांत : लड़ाकू विमानों का नया ठिकाना
    भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ पहला स्वदेशी युद्धपोत 20 हजार करोड़ रुपये से तैयार हुआ है। यह युद्धपोत 262 मीटर लंबा है। 45 हजार टन वजन के साथ पानी में चलने में सक्षम है। दो फुटबॉल स्टेडियम के बराबर ये जहाज देश के इतिहास का सबसे बड़ा युद्धपोत है। 18 माले वाले इस जहाज में कुल 14 डेक और 2300 कंपार्टमेंट हैं, जिसमें 1500 सैनिक एकसाथ सवार हो सकते हैं। एकसाथ कुल 30 छोटे और बड़े लड़ाकू विमान रखा जा सकता है।

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