नई दिल्ली (New Delhi)। गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. कई बार तो आग विकराल रूप धारण कर लेती है और इस पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है. इससे वन संपदा (forest wealth) को भारी नुकसान होता है. इससे वन्य प्राणियों (wild animals) के जीवन पर भी संकट खड़ा हो जाता है. कई छोटे जीव तो जलकर मर भी जाते हैं. लेकिन अब जंगल में लगने वाली आग को रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने इस बार नई तकनीक अपनाते हुए पूरी तैयारी कर ली है.
वन के हर रेंज में एयर ब्लोअर मशीन के साथ अग्निरोधी दल
इसके तहत रायसेन जिले के प्रत्येक रेंज में एयर ब्लोअर मशीन के साथ एक-एक अग्निरोधी दल (fire brigade) का गठन किया गया है, पहली बार इस दल को आग बुझाने वाले आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. इसके साथ ही उन्हें अलग से वाहन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है जो आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचेंगे. आग से वन संपदा की सुरक्षा के लिए रायसेन (Raisen) जिले वन विभाग द्वारा पहली बार एयर ब्लोअर मशीन के साथ अग्निरोधी दल तैनात किया गया हैं.
रायसेन जिले में कुल वन क्षेत्रफल 1647 वर्ग किमी तक फैला हुआ है. इसमें रायसेन का वन क्षेत्र 688.034 वर्ग किमी है, जबकि रातापानी अभयारण्य का एरिया 823.65 किमी तक फैला है. इस तरह रायसेन जिला वन संपदा से परिपूर्ण है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही इस वन संपदा को आग से सुरक्षित रख पाना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नही होता है.
मशीन से निकलती है तेज हवा, इकट्ठा हो जाते हैं पत्ते
रायसेन मंडल के डीएफओ विजय कुमार ने बताया कि एयर ब्लोअर काफी शक्तिशाली मशीन है. इससे काफी तेज हवा निकलती है. एयर ब्लोअर चलाकर जंगल में बिखरे सूखे पत्तों को एक जगह इकट्ठा किया जा सकता है, जिससे आग आगे नहीं बढ़ पाती है. साथ ही आग को हवा की मदद से फैलने से रोका भी जा सकता है.
आग की लपट कम हो तो उसे मशीन की तेज हवा के जरिए बुझा भी सकते हैं. इसलिए फिलहाल हमने 10 एयर ब्लोअर मशीनें खरीदी हैं, जिनसे जंगल में लगी आग को नियंत्रित करने में काफी मदद मिल रही है.
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