नई दिल्ली (New Delhi)। अगर आप अगर विदेश छुट्टियां मनाने जा रहे हैं या पढ़ने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर है, दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत के तहत टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) की नई दरें 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होंगी. आसान भाषा में समझें तो 1 अक्टूबर से विदेश यात्रा, विदेशी शेयरों और म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर टीसीएस के नए नियम लागू होंगे, हालांकि, टीसीएस के नियम एक सीमा से ज्यादा खर्च पर ही लागू होंगे।
शिक्षा के लिए फॉरेन रेमिटेंस पर नई टीसीएस दरें
एलआरएस के तहत शिक्षा पर खर्च किए गए 7 लाख रुपये तक के फॉरेन रेमिटेंस पर कोई टीसीएस नहीं लिया जाएगा. अगर आप फॉरेन स्टडी के लिए किसी अधिकृत वित्तीय संस्थान से एजुकेशनल लोन लेकर एक फाइनेंशियल ईयर में 7 लाख रुपये से ज्यादा अमाउंट भेजते हैं तो इस पर टीसीएस 0.5 फीसदी देना होगा. अगर आप फॉरेन स्टडी के लिए 7 लाख रुपये से ज्यादा अमाउंट बगैर लोन के भेजते हैं तो उस पर 5 फीसदी टीसीएस लगेगा. इसके अलावा फॉरेन स्टडी के लिए यात्रा पर खर्च की गई राशि पर भी उसी दर से टैक्स लगाया जाएगा.
विदेशी टूर पैकेज के लिए टीसीएस दरें
1 अक्टूबर, 2023 से अगर आप एक फाइनेंशियल ईयर में 7 लाख रुपये से ज्यादा का फॉरेन टूर पैकेज खरीदते हैं तो आपको 20 फीसदी टीसीएस चुकाना होगा। अगर एक फाइनेंशियल ईयर में आपके टूर पैकेज की कीमत 7 लाख रुपये से कम रहती है तो उस पर आपको 5 फीसदी टीसीएस चुकाना होगा.
अगर आप 1 अक्टूबर, 2023 से विदेश में 7 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करते हैं तो आपको उस पर 20 फीसदी टीसीएस चुकाना होगा. इसका मतलब है कि विदेशी शेयरों, म्यूचुअल फंड्स, और क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर एक फाइनेंशियल ईयर में 7 लाख रुपये से ज्यादा खर्च होने पर आपको 20 फीसदी टीसीएस देना होगा. हालांकि, अगर आपने विदेशी निवेश में डील करने वाले भारतीय म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, तो इस पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा
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