इंदौर (Indore)। अब तक पूरे शहरभर की अच्छी भली नई सडक़ों को ड्रेनेज, नर्मदा सहित अन्य कार्यों के लिए बिना अनुमति खोदकर पटक देते थे, ऐसे में कई जगह सडक़ों की हालत खस्ताहाल हो रही थी। निगम कमिश्नर ने कल सभी झोनल अधिकारियों और विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि जनकार्य विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही सडक़ों को खोदने के कार्य किए जाएं। झोनल स्तर पर ही कई कार्यों की मंजूरी मिलने के बाद सडक़ों की शक्ल बिगाडक़र वहां लाइनें बिछाने के काम शुरू कर दिए जाते थे और इनमें से कई कार्यों में महीने लग जाते।
सडक़ों की मरम्मत के कार्य बाद में पूरे करने के लिए ठेकेदार महीनों तक मामला टाल देते, जिसके चलते खामियाजा रहवासी और वाहन चालक भुगतते है। हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जल कार्य विभाग, ड्रेनेज विभाग ने सर्वाधिक सडक़ों पर खुदाई के कार्य कराए, जिसके चलते मध्य क्षेत्र के पूरे इलाकों का कबाड़ा हो गया और अब त्योहारों के दौरान सडक़ों की हालत बदतर है, जहां पेंचवर्क कराए जा रहे हैं। अब इस मामले को लेकर निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कल आदेश जारी किया है कि निगम के विभिन्न विभागों द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के विकास कार्य झोनल और ठेकेदारों की मदद से कराए जााते हैं, लेकिन अब नगर निगम के किसी भी विभाग अथवा झोनल कार्यालयों द्वारा निर्माण के लिए आवश्यक सडक़ खुदाई का कार्य करने से पहले जनकार्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगी।
इसके लिए तीन दिनों में अनापत्ति प्रमाण पत्र जनकार्य विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। जिन कार्यों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलेंगे, उनका रिकार्ड रखना होगा और साथ ही सडक़ खुदाई के दौरान खुदाई स्थल को ठीक से बेरिकेडिंग करने के साथ, वहां ग्रीन नेट लगाई जाएगी, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो। काम पूरा होने के बाद सडक़ों का रेस्टोरेशन गुणवत्ता पूर्ण हो, इसके पूर्व फोटोग्राफ भी फाइलों में सलंग्न करना होंगे। निगमायुक्त द्वारा जारी किया गया पत्र सभी विभागों को भेजा गया है।
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