उज्जैन। नई शिक्षा सत्र का प्रारंभ अप्रैल से हो रहा है लेकिन निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के अभिभावक चिंतिंत है। इसकी वजह बाजार में किताब उपलब्ध नहीं होना है। अभिभावक किताब दुकानों में पुस्तकों का सेट खोजते फिर रहे हैं। ज्यादातर समस्या निजी प्रकाशकों की किताबों को लेकर आ रही है। दरअसल निजी स्कूलों ने प्राथमिक कक्षाओं में निजी प्रकाशकों की पुस्तक चला रहे हैं जिसकी सूची अभिभावकों को दी गई है। इस सूची को लेकर ही अभिभावक दुकानों में किताब लेने के लिए परेशान है। अब परेशानी ये है कि स्कूल खुलने के बाद भी बिना किताबों के बच्चों को स्कूल कैसे भेजा जाए। इधर अधिकांश स्कूल ऐसे है जिन्होंने पिछले साल की किताबों को बदलकर नए प्रकाशक की पुस्तक लगाई है।
निजी स्कूल संचालकों ने विद्यार्थियों को रिजल्ट के साथ ही नए सत्र की पुस्तक और ड्रेस संबंधी जानकारी दे दी है। अधिकांश स्कूल तीन अप्रैल से खुल रहे हैं। इससे पहले अभिभावक बच्चों की तैयारी करने में जुटे हुए है। बाजार में किताबों का सेट पूरा उपलब्ध नहीं हो रहा है किसी कक्षा की दो तो किसी कक्षा की तीन किताब ही मिल रही है। निजी प्रकाशकों की मनमानी की वजह से अभी तक पुस्तकों की सप्लाई नहीं हुई है। इधर स्कूल भी इस मामले में चुप है। जिला प्रशासन ने जबकि पहले ही निजी स्कूलों से बाजार में पर्याप्त उपलब्ध प्रकाशकों की पुस्तक ही तय करने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन फिर भी बाजार में किताब नहीं मिल रही है।
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