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    New Rules: बीमा पॉलिसी हो या घर की बुकिंग, रद्द करने पर अब आसानी से ले सकेंगे GST रिफंड

  • February 27, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। आपने किसी बिल्डर से घर खरीदने (buy house from builder) के लिए बुकिंग कराने के बाद रद्द (Canceled after booking) कर दिया है तो उसके बदले चुकाई गई जीएसटी आसानी से वापस हासिल (Get GST back easily) कर सकते हैं। इसके अलावा बीमा पॉलिसी रद्द करने (cancellation of insurance policy) पर भी एक तय अनुपात में आप जीएसटी रिफंड (GST refund) ले सकते हैं। पिछले वित्त वर्ष के लिए भी रिफंड की सुविधा मिली हुई।

    पिछले साल दिसंबर में जीएसटी नियमों में बदलाव के बाद आपके लिए ऐसा करना आसान हो गया है। इसके मुताबिक अगर ग्राहक ने कोई अनावश्यक टैक्स चुकाया है तो वह स्वयं जीएसटी के पोर्टल पर जाकर टैक्स की राशि वापस ले सकता है। आमतौर पर घर खरीदने के बाद जैसे ही करात होता है, बिल्डर फ्लैट की पूरी राशि पर जीएसटी ले लेता है। रियल एस्टेट पर जीएसटी पांच फीसदी है।


    आमतौर पर ग्राहक यदि बुकिंग के 11 महीने के बाद ग्राहक बिल्डर से करार रद्द करता है तो बिल्डर बुकिंग राशि वापस कर देता है लेकिन जीएसटी वापस नहीं करता है। नए नियम के लागू होने से ग्राहक बुकिंग रद्द करने के बाद दो साल में कभी भी जीएसटी रिफंड ले सकता है। इसके लिए आपके पास जीएसटी नंबर होना भी जरूरी नहीं है। आप जीएसटीएन पोर्टल पर अस्थाई पंजीकरण के जरिए रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह काम आप घर बैठे भी ऑनलाइन कर सकते हैं।

    नई सुविधा में क्या है खास
    – बिना जीएसटी पंजीकरण कराए जीएसटी रिफंड लेना संभव नहीं था।
    – बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद रद्द किया तो उसका भी जीएसटी रिफंड ले सकेंगे।
    – उस तरह की हर सेवा का रिफंड ले सकते हैं जिसका आपके उपयोग नहीं किया है।
    – पुराने नियमों के तहत पिछले वित्त वर्ष का जीएसटी रिफंड नहीं मिलता था।
    – पिछले साल दिसंबर में सरकार ने नियमों में किया बदलाव।

    पहले अस्थाई पंजीकरण जरूरी
    आपके पास यदि जीएसटी पंजीकरण पहले से नहीं है, तो सबसे पहले जीएसटीएन पोर्टल (https://www.gst.gov.in/) पर अस्थायी पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए सबसे पहले पोर्टल सर्विसेज पर क्लिक करें। इसके बाद यूजर सर्विसेज पर जाएं और फिर जेनरेट यूजर आईडी फॉर अनरजिस्टर्ड एप्लीकेंट पर क्लिक करें। सभी विवरण भर देने के बाद आधार सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद जीएसटीएन की तरफ से आवेदक को अस्थायी पंजीकरण दे दिया जाता है।

    ऐसे भरें आवेदन
    अस्थायी पंजीकरण के बाद रिफंड आवेदन भरना होगा। इसके लिए फॉर्म जीएसटी आरएफडी -01 भरकर रिफंड फॉर अनरजिस्टर्ड पर्सन की श्रेणी में सबमिट करना होगा। इसमें जीएसटीएन पोर्टल पर सेवा प्रदाता के साथ हुए करार, उसे किए गए सारे भुगतान से जुड़े दस्तावेज और सेवा रद्द करने का प्रमामपत्र भी जमा करना होगा। साथ ही सेवा प्रदाता की तरफ से यह प्रमाणपत्र भी लेकर जमा करना होगा कि उसने आपसे वसूल किया गया जीएसटी सरकार के पास जमा करा दिया है और उसका कोई रिफंड या एडजस्टमेंट उसने क्लेम नहीं किया है। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीएसटी अथॉरिटी की तरफ से आपका क्लेम प्रॉसेस करके रिफंड ऑर्डर जारी किया जाएगा। इसके आधार पर आपके संबंधित खाता रिफंड की राशि जा जाती है।

    यह विवरण देने होंगे
    – अस्थाई पंजीकरण के लिए नाम और पैन नंबर
    – जिस राज्य में रिफंड चाहिए उसका नाम
    – आवेदक का पता, बैंक खाता का विवरण। यहां बैंक खाता वही दें जिसका इस्तेमाल आप आयकररिफंड के लिए करते हैं।
    – आधार का भी विवरण देना होता है और उसके जरिये ही सत्यापन होता है।

    रद्द बीमा पॉलिसी में ऐसी होती है प्रक्रिया
    बीमा पॉलिसी खरीदते समय ही जीएसटी लगता है जो 18 फीसदी है। यदि खरीदने के तुरंत बाद आपने उसे रद्द कर दिया तो जीएसटी वापस ले सकते हैं। इसके अलावा यदि 10 साल के लिए आपने पॉलिसी खरीदी और पांच साल में ही सरेंडर कर दिया तो शेष अवधि के लिए दी गई जीएसटी का रिफंड ले सकते हैं। दिसंबर 2022 के पहले यह संभव नहीं था।

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