डेस्क: अगर आप भी फ्रिज, टीवी और एसी समेत घरेलू इस्तेमाल के तमाम इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज की वॉरंटी को लेकर परेशान और कंफ्यूज रहते हैं तो ये खबर आपके काम है. दरअसल, सरकार ने इन सामानों की वॉरंटी के लिए नए नियम बनाने की तैयारी में है. वारन्टी की डेट के मामले में बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सरकार ने वॉरंटी के नियमों को आसान बनाते हुए इसकी डेट को बदलने का सुझाव दिया है.
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की खरीद की तारीख के बजाय उसे इंस्टॉल किए जाने वाले दिन से उसका वॉरंटी पीरियड शुरू होने का सुझाव दिया है. इस बारे में मिनिस्ट्री ने कंपनियों से 15 दिनों के भीतर अपनी राय भेजने को कहा है. मिनिस्ट्री के तहत काम करने वाली सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिट ने कंपनियों के साथ बैठक भी की है.
कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी और CCPA की चीफ कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक में रिलायंस रिटेल, एलजी, पैनासोनिक, हाएर, क्रोमा और बॉश सहित बड़ी इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेज कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में यह मुद्दा उठाया गया कि कंपनियां खरीदारी की तारीख से ही वॉरंटी पीरियड की शुरुआत मान लेती हैं, भले ही कंज्यूमर के घर में इंस्टॉलेशन बाद में हो. होना यह चाहिए कि जब से उपकरण का इस्तेमाल शुरू हो, उस दिन से वॉरंटी पीरियड की गिनती हो क्योंकि इंस्टॉलेशन के बाद ही कोई उसका उपयोग कर सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आम तौर पर दो तरह के होते हैं. आयरन प्रेस, माइक्रोवेव वगैरह उपकरण ऐसे होते हैं, जिनमें इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं होती और ग्राहक उन्हें खरीदकर उपयोग करने लगते हैं. लेकिन एसी या फ्रिज जैसे उपकरणों में इंस्टॉलेशन की जरूरत होती है. ऐसे में एसी, फ्रिज के लिए वॉरटी पीरियड इसके इस्टॉलेशन से शुरू होना चाहिए.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शन 2(9) में उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में कहा गया है कि उसे वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं की क्वॉलिटी, क्वॉन्टिटी, प्योरिटी, स्टैंडर्ड और प्राइस के बारे में सूचित किए जाने का अधिकार है.
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