नई दिल्ली: जिस बिजनेस का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक है, उसके लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी कि जीएसटी के अंतर्गत ई-इनवॉइस बनाना जरूरी होगा. यह नया नियम 1 जनवरी से लागू होने जा रहा है. जीएसटी नेटवर्क ने इसके लिए अपने टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर से कहा है कि दिसंबर तक ई-इनवॉइस का पोर्टल तैयार कर लिया जाए. एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है. सरकार की कोशिश अगले वित्त वर्ष तक उन सभी बिजनेस को नए फ्रेमवर्क में लाना है जिनका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपसे से अधिक है.
ऑनलाइन इनवॉइस या ई-इनवॉइस को जरूरी बनाने का नियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके और सरकारी की कमाई बढ़ाई जा सके. इनवॉइस को ऑनलाइन किए जाने से शिकायतों का निपटारा भी आसान हो जाएगा. जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का निर्णय लिया है. इसका मकसद यही है कि छोटे से छोटे बिजनेस को भी अर्थव्यवस्था के दायरे में लाया जाए.
जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के मुताबिक, 1 जनवरी 2023 से 5 करोड़ से अधिक सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस का ई-इनवॉइसिंग अनिवार्य हो जाएगा. ई-इनवॉइसिंग में स्टैंडर्ड फॉर्मेट का इस्तेमाल होता है जिसे कोई भी मशीन आसानी से पढ़ सकती है. इससे छोटे बिजनेस वेंडर और बड़े वेंडर के बिजनेस डेटा को एक जगह जुटाने में आसानी होगी. बिक्री का आंकड़ा भी जुटाया जा सकेगा जिसके आधार पर टैक्स क्रेडिट को क्लेम किया जाता है.
ई-इनवॉइस शुरू होने से बिजनेस में गलत इनपुट क्रेडिट के क्लेम को पकड़ा जा सकेगा. इससे टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी. 1 अक्टूबर से उन बिजनेस के लिए ई-इनवॉइस को जरूरी किया गया है जिनका सालाना टर्नओवर 10 करोड़ से अधिक है. बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजैक्शन में ई-इनवॉइसिंग को 1 अक्टूबर, 2020 से अनिवार्य किया गया था, लेकिन टर्नओवर को 500 करोड़ रखा गया था. अभी यह नियम 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर का है. लेकिन अगली 1 जनवरी से 5 करोड़ के टर्नओवर को भी ई-इनवॉइसिंग में शामिल कर लिया जाएगा.
बाद में 1 जनवरी, 2021 को 500 करोड़ के सालाना टर्नओवर को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया. इस नियम में फिर से बदलाव किया गया और 1 अप्रैल 2022 से 100 करोड़ के बदले 50 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस के लिए ई-इनवॉइसिंग को अनिवार्य कर दिया गया. इसमें दोबारा संशोधन कर सालाना टर्नओवर की राशि को 20 करोड़ कर दिया गया था. इस साल 1 अक्टूबर से 10 करोड़ वाले सालाना टर्नओवर के बिजनेस के लिए ई-इनवॉइसिंग का नियम जारी किया गया. अगले साल 1 जनवरी से 5 करोड़ का टर्नओवर इस श्रेणी में शामिल हो जाएगा. इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
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