नई दिल्ली। अब आधार कार्ड बनाने के लिए नए आवेदकों को अपने एनआरसी आवेदन की रसीद संख्या देनी होगी। शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ये जानकारी दी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या आबादी से अधिक है। इसका मतलब है कि कुछ नागरिक संदिग्ध हो सकते हैं। इसलिए, हमने फैसला लिया है कि नए आवेदकों को अपने एनआरसी आवेदन की रसीद संख्या देनी होगी।
मुख्यमंत्री ने मीडिया में दिए बयान में कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया के दौरान 9.55 लाख लोगों की बायोमेट्रिक जानकारी दर्ज की गई थी। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि इन लोगों को एनआरसी आवदेन रसीद संख्या की जरूरत नहीं है। इन लोग बिना रसीद नंबर की उनका आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ये सब कवायद राज्य में गैर कानूनी रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए हो रही है। उनका कहना था कि राज्य में कई बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं। अब असम सरकार यहां अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों और बांग्लादेशियों की पहचान करने में जुटी है, बीते कुछ महीनों में इस पूरी प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। उनका कहना था कि पिछले दो महीनों में कई ऐसे लोगों को पकड़ा गया और उन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों के हवाले किया गया है।
जानकारी के अनुसार असम पुलिस ने बीते बुधवार को राज्य में अवैध रूप से घुसते हुए 5 बांग्लादेशी लोगों को पकड़ा था। पुलिस के अनुसार पांचों त्रिपुरा से करीमगंज में घुसने का प्रयास कर रहे थे। बता दें बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बीएसएफ ने पूर्वोत्तर में 1885 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा के पास अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।
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