इंदौर (Indore)। शहर के मध्य क्षेत्र को एमआर-10 ब्रिज के पास निर्माणाधीन इंटरस्टेट बस टर्मिनस (आईएसबीटी) से जोडऩे के लिए बनाई जा रही आरडब्ल्यू-1 का काम अब बाणगंगा से औद्योगिक क्षेत्र होते हुए आईएसबीटी के मुहाने तक जा पहुंचा है। मानसून सीजन बीतने के बाद जमीन सूखने लगी है, इसलिए खुदाई कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है।
इंदौर-देवास रेल लाइन के समानांतर मौजूद ईंट भ_ों और खेतों के आसपास पोकलेन और मजदूर लगाकर काम किया जा रहा है। रेलवे लेवल क्रॉसिंग नंबर 54 के पास एक तरफ खुदाई के बाद बेस बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। नगर निगम इस सडक़ को दो हिस्सों में बना रहा है। पहला हिस्सा भंडारी ब्रिज से बाणगंगा क्रॉसिंग तक एमआर-4 का बचा हिस्सा बनाया जा रहा है और बाणगंगा क्रॉसिंग से आगे आईएसबीटी तक आरडब्ल्यू-1 बनाई जा रही है। दोनों सडक़ों की कुल लंबाई 4.50 किलोमीटर है। 100 फीट चौड़ी सीमेंट-कांक्रीट सडक़ बनाने पर नगर निगम करीब 50 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सडक़ निर्माण पूरा होने में अभी करीब एक साल और लगेगा।
दो पुलों का चौड़ीकरण जारी, लेकिन ज्यादातर बाधाएं जस की तस
एमआर-4 के लिए पोलोग्राउंड और बाणगंगा नाले पर पुलों का चौड़ीकरण भी किया जा रहा है। हालांकि पोलोग्राउंड पुल के पास निजी फैक्ट्रियों, लक्ष्मीबाईनगर रेलवे स्टेशन के पास भागीरथपुरा बस्ती और बाणगंगा क्रॉसिंग से एमआर-10 ब्रिज के बीच स्थित फैक्ट्रियों को लेकर निगम व प्रशासन आगे की रूपरेखा नहीं बना पाया है। यही वजह है कि फिलहाल दोनों सडक़ों के केवल उन हिस्सों में काम किया जा रहा है, जहां किसी तरह की बाधाएं नहीं हैं और सपाट जमीन उपलब्ध है। विधानसभा चुनाव के बाद मामले का निराकरण होने की उम्मीद है।
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